जय हनुमान ज्ञान गुन सागर,
जय कपीश तीहुं लोक उजागर।
राम दूत अतुलित बल धामा,
अंजनी पुत्र पवन सुत नामा।।
महावीर। विक्रम बजरंगी,
कुमति निवार सुमति के संगी।
कंचन बरन बिराज सुवेसा,
कानन कुण्डल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औे ध्वजा बिराजे,
कांधे मूंज जनेऊ। साजे।
शंकर सुवन केसरी नंदन,
तेज प्रताप महा जग वंदन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर,
राम काज करिबे को आतुर।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया,
राम लखन सीता मन बसिया।।
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