प्रिय डायरी ,
आज मुझसे मिलने एक लड़की आई | वह पेशे से आर्किटेक इंजिनियर है | उससे उसके काम की जानकारी लेने के क्रम में मुझे पता चला कि आज भी हमारे गाँव कितने पिछड़े हुए हैं | वहाँ अभी भी लोग अनपढ़ हैं | गलत और सही में फर्क नहीं कर पाते हैं | उसने बताया, राज मिस्त्री यह नहीं जानता कि ईंटों को पानी में डूबा कर क्यों रखा जाता है ? वे सीमेंट का सही मसाला बनाना नहीं जानते | पढ़ने की बारी आने पर वे हँसते हैं | मुझे नहीं लगता था कि आज भी लोग इस तरह की सोच रखते हैं | चलो आज के लिए इतना ही |