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संगीता की डायरी

4 मई 2022

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मेरी डायरी ,

आज पहली बार मैं तुमसे अपने मन की बातों को बाँटने जा रही हूँ| इसलिए मेरी उलटी-पुलटी बातों को किसी से मत बताना | आज मन शांत भी है और अशांत भी | क्योंकि आज से मेरे जीवन की  तीसरी यात्रा शुरू हुई है | पहले तो बहुत घबड़ाहट हो रही थी | बाद में काफी सोचा तो लगा कि विद्यालय को बंद करना ही उचित है | जबकि इस शहर में वह मेरी पहचान था | मुझे अब अपने बच्चों के साथ रह कर अपने जीवन के बाकि समय बिताना है | कुछ दिन इस शहर में रह कर देखा | लेकिन हर वक्त उनलोगों में ही दिमाग लगा रहता है | कल मैंने निर्णय ले लिया कि मैं नई जगह पर नए लोगों के साथ नया सफर जरूर शुरू करुँगी | ईश्वर पर भरोसा है वह मेरे साथ जरूर रहेंगे |  मेरा निर्णय सही है न ? आज के लिए बस इतना ही |

Sangita Govil की अन्य किताबें

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संगीता की डायरी

4 मई 2022
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4 / 5 / 22  मेरी डायरी , आज पहली बार मैं तुमसे अपने मन की बातों को बाँटने जा रही हूँ| इसलिए मेरी उलटी-पुलटी बातों को किसी से मत बताना | आज मन शांत भी है और अशांत भी | क्योंकि आज से मेरे जीवन की  तीस

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हमारा गाँव

7 मई 2022
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प्रिय डायरी , आज मुझसे मिलने एक लड़की आई | वह पेशे से आर्किटेक इंजिनियर है | उससे उसके काम की जानकारी लेने के क्रम में मुझे पता चला कि आज भी हमारे गाँव कितने पिछड़े हुए हैं | वहाँ अभी भी लोग अनपढ़ हैं |

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मातृ दिवस का तोहफा

8 मई 2022
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8 / 5 / 22  मेरी डायरी, आज का दिन तो अपने घर को व्यवस्थित करने में ही रह गई | उफ, यह काम कितना मुश्किल होता है | असल में विद्यार्थियों और स्कूल के बीच घर के कोनों को देख ही नहीं पाती थी | उन सभी कबा

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अनुभव

11 मई 2022
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मेरी डायरी, तुमने मेरे कुछ महत्त्वपूर्ण नोट्स खो दिए | ऐसा क्यों किया ? मुझे तो लिखने की लत है, किसी तरह लिख लूँगी | परन्तु तुम ने मेरे दिमाग की उथल-पुथल को खो दिया | खैर, मैं ढूँढने का प्रयत्न कर रह

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विचारों का मेला

12 मई 2022
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मेरी डायरी ,  आज मैं अपने विचारों को तुमसे बाँटना चाहती हूँ | अधिकतर बुजुर्गों को देखा है कि उन्हें अपने घर से ज्यादा प्रेम होता है | नानी , दादी और माँ- पापा सभी को देखा है घर के लिए परिवार को छोड़ते

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रिश्ता

13 मई 2022
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मेरी डायरी, समझ नहीं आता किसे अपना हितैषी समझूँ किसे नहीं | मेरे साथ तीन परिवार जुड़े हैं |  अपने बुजुर्गों से सुना है कि हर रिश्ते में एक दूरी होनी चाहिए | पर आज तक नहीं समझ सकी कि ये दूरी क्यों ? जब

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प्रकृति से प्यार

15 मई 2022
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 मेरी डायरी, आज मैं बहुत खुश हूँ। क्योंकि मुझे एक मुकाम मिला है। कुछ नया ज्ञान, कुछ नई विवेचना, जो हमारे रास्ते को आसान बनाती हैं। मेरी संस्था मेरी पहचान है। आज पद्य माह की गोष्ठी थी। मेरी कविता -  प

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फैसला

17 मई 2022
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मेरी डायरी, आज घर में सफाई करते हुए महसूस हुआ कि हम कितनी ही चीजें बिना जरूरत की संजो कर रखते हैं | पता नहीं कब काम आ जाये | परन्तु ऐसा कुछ नहीं होता है | इसलिए हमें ज्यादा- से-ज्यादा छह महीना देखने

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हमारा अस्तित्व

14 जून 2022
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इतने दिनों बाद फिर से मैं यहाँ  आ पाई हूँ |  परिवार और जीवन की कई उलझनें  होती हैं जिससे भाग पाना मुश्किल होता है | इस यात्रा के यही उतार - चढ़ाव  हमारे नाम और अस्तित्व की पहचान बन जाते हैं | जीवन के द

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बालपन

15 जून 2022
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बालपन भोला होता है यह तो सभी जानते हैं | परन्तु उसके  मन की उड़ान वयस्कों से ज्यादा परिपक्व होती है | उसे अच्छे-बुरे  की पहचान हमसे ज्यादा होती है | परिस्थितियों को हमसे ज्यादा वे समझते हैं | आजकल के  

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राजनीति

29 जून 2022
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राजनीति एक ऐसा शब्द है जिससे सभी वाक़िफ हैं | एलेक्शन , वोट , नेता, उनके पैंतरे , लुभावने एजेंडे सभी कुछ राजनिति का ही हिस्सा तो है |  आम आदमी को अपनी सरकार से क्या चाहिए और उसे क्या मिलता है , यह जानन

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विश्वास

8 जुलाई 2022
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विश्वास के बिना  जीवन में कुछ भी सम्भव नहीं है | कुछ भी बड़ा करने के पहले आस-पास विश्वास की दीवार बनानी जरूरी है |  वही दीवार आने वाली मुसीबतों से आपकी रक्षा करता है |  अपने परिवार को बाँध कर रखने के ल

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