4 / 5 / 22
मेरी डायरी ,
आज पहली बार मैं तुमसे अपने मन की बातों को बाँटने जा रही हूँ| इसलिए मेरी उलटी-पुलटी बातों को किसी से मत बताना | आज मन शांत भी है और अशांत भी | क्योंकि आज से मेरे जीवन की तीसरी यात्रा शुरू हुई है | पहले तो बहुत घबड़ाहट हो रही थी | बाद में काफी सोचा तो लगा कि विद्यालय को बंद करना ही उचित है | जबकि इस शहर में वह मेरी पहचान था | मुझे अब अपने बच्चों के साथ रह कर अपने जीवन के बाकि समय बिताना है | कुछ दिन इस शहर में रह कर देखा | लेकिन हर वक्त उनलोगों में ही दिमाग लगा रहता है | कल मैंने निर्णय ले लिया कि मैं नई जगह पर नए लोगों के साथ नया सफर जरूर शुरू करुँगी | ईश्वर पर भरोसा है वह मेरे साथ जरूर रहेंगे | मेरा निर्णय सही है न ? आज के लिए बस इतना ही |