जरुरी नही वो साथ ही खडा हो ,
कभी कभी दुरी भी , जरुरी है
याद तो आती है , ओर वो पास भी आता है ,
कहने को जिन्दगी साथ बितानी है ,
ओर वो मान भी जता है ,
हमसफर तो है वो , दर्द का रिश्ता भी बखुबी निभा जाता है ,
खुशियो के पलो मे , मुस्कुरात है वो , दर्द के पलो मे आसू खुद ना बहाकर, हमराही के पोछ जाता है वो,
हमसफर के सारे रिश्ते निभा जाता है, हमसफर से हमदम बन जाता है वो।