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कविता -मैं कितना तुम से प्यार करू

om prakash

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मैं कितना तुम से प्यार करू और प्यार की परिभाषा तुम से सिखु तुम मेरे नयन की टिमटिमाती तारा हो तुम मेरे आंखों से कभी ओझल हो जाती हो मैं तुम से कभी शिकवा सिकायत नहीं किया तुम मेरे दिल में में बसी हो आंखों के नूर हो  

kavita main kitna tum se pyaar karu

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