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हस्तलिखित पत्र

16 दिसम्बर 2021

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🌹हस्तलिखित पत्र की बात
ही कुछ ख़ास होती थी।

🌹 महक  किसी के जिस्म
की उसमें साथ होती थी।

🌹कोई हसीना संदेश पाने
उस वक़्तअपने महबूब का।

🌹पलकें बिछाए रखती थी
रात दिन इसके  इंतज़ार में ।

🌹 मिल जाता था ख़त जब
उसको उसके महबूब का।

🌹चूम कर होंटो से उसको
लगाती थी फिर सीने से उसे।

🌹 चुरा के नजरें सबसे फिर
वह सौ बार पढ़ती थी उसे।

🌹फिर रखती  थी बंद करके
तिजोरी में अपने दिल की उसे

छुपा के सबसे सौ बार उसे
पढ़ने के लिए,, पढ़ने के,,,,,।

🌹हस्लितखित पत्र की बात
ही कुछ ख़ास होती थी।

🌹ख़ास होती है,,,,,,,,,।
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून,, ✍️
-----------🌹🌹🌹-----------

Kafil ur Rehman

Kafil ur Rehman

Very nice 👌🏻

17 दिसम्बर 2021

16 दिसम्बर 2021

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

17 दिसम्बर 2021

बहुत-बहुत शुक्रिया 👌👌

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