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कागज की कश्ती.......

16 दिसम्बर 2021

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🌹वो बारिश का पानी,
वो कागज़ की कश्ती
वो पेड़ों पे चढ़ना वो
अमबिया का खाना,

🌹वो बच्चों की टोली
वो मदमस्त मस्ती ,
वो मेढक की टर्र-टर्र,
वो कोयल की कूकू

🌹वो पतंगो का उड़ना
वो जामुन का चुगना,
वो जलेबी पे लड़ना
वो लड्डू का खाना ।

🌹वो नन्हें से मन की
मेरी नन्ही उम्मीदें,
वो बन गईं हैं आज
गुज़रा ज़माना ।

मौलिक रचना सय्यदा----✒
----------🌹🌹🌹------------

Kafil ur Rehman

Kafil ur Rehman

Very nice poem 👌🏻

17 दिसम्बर 2021

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Awesome di🍫🍫🍫👏👏

16 दिसम्बर 2021

3
रचनाएँ
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0.0
दिल के जज़्बातों को अल्फ़ाज़ो में पिरोने की एक कोशिश की है 🌹🌹 🌹

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