प्रणाम!
कैसे हैं आप सब?
आशा करते हैं कि सब कुशल से होंगे,,।
आज नवरात्र का छठवां दिन हैं और इस दिन में माता दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती हैं। माता दुर्गा का यह रूप बड़ा ही तेजस्वी और दिव्य हैं।
इनकी पूजा और आराधना करने से साधक को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति हैं। माता रानी की कृपा सभी पर बनी रहें और सभी को इन जीवन रत्नों की प्राप्ति हो, ऐसी हमारी शुभकामनाएं हैं।
हमारे जीवन की बातें भी कितनी अजीब हैं। क्योंकि हमारी ज़िन्दगी में अक्सर बहुत बार लोग हमारी बातों का ग़लत मतलब निकालते हैं और फिर बाद में दोषी भी हमें हीं ठहरा देते हैं। आज कम बोलने वाला भी बुरा हैं और ज्यादा बोलने वाला भी बदनाम हैं।
आज अगर हम किसी बात का जवाब देते हैं, तो भी हमें सब बुरा कहते हैं और जवाब नहीं देते हैं, तो भी सब कहते हैं कि मुंह में जबान ही नहीं हैं क्या?
हमारा मानना तो यह हैं कि जरूरी नहीं हैं कि अगर कोई व्यक्ति आपकी बात पर ज़बाव तलब नहीं कर रहा हैं, तो वह व्यक्ति बेहया हैं या बेकार हैं, जिस पर कभी किसी बात का कोई असर हीं नहीं होता।
जबकि ऐसा भी हो सकता हैं कि यह उसकी सहनशीलता हों, जो उसे हर परिस्थिति में धैर्य बनाएं रखने का संदेश दे रहीं हों।क्योंकि सहनशीलता मनुष्य के पास एक ऐसा ब्रह्मास्त्र हैं, जो हर असहनीय बात के वार को सहने की ताकत रखता हैं। सहनशीलता होना भी एक ताकतवर इंसान की पहचान हैं, ना कि कमजोर व्यक्ति की।
हमारे आज के दिन की महत्वपूर्ण सीख यह हैं कि "हमें कभी किसी मनुष्य की अच्छाई या सच्चाई का फायदा नहीं उठाना चाहिए। क्योंकि जब अच्छाई बुराई में बदलती हैं, तो वह बुराई से भी अधिक भयानक रूप धारण कर लेती हैं"। आज़ के लिए बस इतना हीं फिर मिलते हैं कुछ और नयी बातों के साथ,,।
🌻वासुदेवाय नमः🌻
दिव्यांशी त्रिगुणा
लेखिका, शब्द इन
27/03/2023