प्रणाम!
कैसे हैं आप सब?
आशा करते हैं कि सब कुशल से होंगे,,।
आज नवरात्र का तीसरा दिन हैं और इस पावन दिन में मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती हैं। आज माता अपने भक्तों के भय का नाश करने और उन्हें निर्भय करने के लिए आती हैं।
माता के मस्तक पर विराजमान अर्ध चांद के कारण हीं, उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। इन नौ दिनों का हर दिन अपने आप में हीं एक विशेष दिन हैं। क्योंकि ये नौ दिन केवल दिन ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन की नौ शक्तियां भी हैं, जिनके बिना हम कुछ भी नहीं।
भक्तजन अपनी अनेक प्रार्थनाएं माता से करते हैं और माता भी धीरे-धीरे भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी कर देती। क्योंकि हर चीज को मिलने का एक सही वक्त होता हैं और सही वक्त आने पर हर चीज हमारे पास होती हैं।
संसार के नियम भी बड़े अजीब हैं। कभी तो बिन मांगे हीं, सब कुछ मिल जाता हैं और कभी मांगने पर भी कुछ नहीं मिलता। इस विषय में भी एक बहुत हीं सुन्दर कहावत हैं, कि "बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले ना भीख"।
हर दिन अपने साथ एक नयी सीख लेकर आता हैं, जिससे सीख लेना हीं सदैव अच्छा होता हैं। आज की महत्वपूर्ण सीख है कि "हमें अपना पूरा जीवन निर्भय होकर बताना चाहिए। कभी भी किसी भी परिस्थिति से घबराना नहीं चाहिए और जितना हो सकें हर स्थिति का सामना करना चाहिए"।
क्योंकि मनुष्य सदैव अकेला होता हैं। हम सोचते हीं हैं कि हमारे पक्ष से कोई बोलेगा या हमारे पक्ष में कोई हमारा साथ देगा। लेकिन सच्चाई यह हैं कि कोई किसी के साथ नहीं होता हैं।
हमें अपनी सच्चाई भी कई बार खुद ही साबित करनी पड़ती हैं। क्योंकि झूठ को सच करने में तो सब हीं माहिर हैं, लेकिन सच को सच बताना कोई कोई हीं जानता हैं।आज़ के लिए बस इतना हीं फिर मिलते हैं कुछ और नयी बातों के साथ,,।
🌻वासुदेवाय नमः🌻
दिव्यांशी त्रिगुणा
लेखिका, शब्द इन
24/03/2023