इस समाज में हर चीज को लेकर कुछ न कुछ पूर्वधारणाएं होती हैं ।
आप शिक्षा क्षेत्र को ही लेलो। यहाँ साइंस वाले स्टूडेंट्स को बेहतर और आर्ट्स वाले स्टूडेंट्स को कमतर आंका जाता है । ऐसा है या नहीं वो अलग चीज है लेकिन अक्सर यही समझा जाता है ।
11th में मैने साइंस का ऑप्शन होते हुए भी जब आर्ट्स को चूज किया,तो बहुत से लोगों के लिए यह आश्चर्य की बात थी। मैं क्लास की टॉपर स्टूडेंट थी जिसने 96% के साथ 10th क्लास में भी स्कूल टॉप किया था फिर मैने आर्ट्स क्यों ली , यह सवाल कई लोगों के जेहन में था।
मैं खुद के फैमिली की भी बात करूँ,तो मेरी माँ की भी इच्छा यही थी कि मैं साइंस स्ट्रीम लूँ ।
उन्होने कहा कि आर्ट्स तो सब पढ लेते हैं । तुम इंटेलीजेंट हो,तुम्हें साइंस लेना चाहिए।
मैंने अपने मामा जी की सहायता से किसी तरह उनको समझाया। हालांकि वो मुझे अपने डिसीजन खुद लेने की पूरी स्वतंत्रता देती हैं ।
अब एक सवाल यहाँ उठता है कि क्या आर्ट्स वाले सारे स्टूडेंट्स बिना पढ़ने - लिखने वाले या नालायक होते हैं????
क्या आर्ट्स वाले स्टूडेंट्स के साथ समाज का यह दोगला व्यवहार सही है???
अब मैं आप को आर्ट्स की खूबियाँ बताती हूँ । आर्ट्स आपको इतना समझदार और मेच्योर बना देती है कि आप दुनिया को एक अलग ही नजरिये से ही देखने लगते हो बशर्ते आप पढ़ने वाले होने चाहिए।
आर्ट्स ज्ञान का वो सागर है जिसमें आप जितना डुबोगे, असल जिंदगी में उतने ही ऊपर जाओगे।
(यहाँ मैं एक बात साफ़ करती चलूँ । मेरे लेख का उददेश्य साइंस को कमतर और आर्ट्स को बेहतर आन्कना नहीं है । मैं तो सिर्फ आर्ट्स की खूबियों से आपको अवगत करा रही हूँ जिसे समाज सिर्फ मजाक समझता है ।)
इतिहास आपको न जाने कितने अनुकरणीय आदर्श देता है । कितने विकास हुए, कितनी गलतियाँ हुईं, कितने युद्ध हुए और क्यों हुए?? इन सब चीज़ों का जवाब आपको इतिहास पढ़ने से मिल जाएगा।
इतिहास एक तरफ आपकी महात्मा गाँधी जैसे अहिंसक से मुलाकात करवाता है, दूसरी तरफ आजाद, सुभाष और भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी और समर्पित युवाओं का आदर्श रखता है ।
इतिहास पढ़ने वाले का व्यवहार बहुत संतुलित और मेच्योर होता है क्योंकि वो मनुष्य के हर पहलू से अवगत होता है ।
शायद अब आपको समझ आ गया होगा कि ' भारतीय प्रशासनिक सेवा ' के लिए आर्ट्स वाले सब्जेक्ट को क्यों डिसाइड किया गया है ।
आर्ट्स आपको टॉप पर रखती है । भारत की सबसे बड़ी परीक्षा UPSC को क्लियर करने के लिए आपको आर्ट्स वाले सब्जेक्ट ही पढ़ने होंगे भले ही आप साइंटिस्ट ही क्यों न हो ।
कभी आपने सुना है कि किसी विख्यात राजनेता ने साइंस से पढ़ाई की है । आप चाहे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी को ले लिजिए या श्री मनमोहन सिंह जी को सब आर्ट्स के ही स्टूडेंट हैं । अगर किसी ने साइंस का सब्जेक्ट लिया भी है तो उसके साथ साथ आर्ट्स की भी पढाई बराबर की है ।
कभी सुना है आपने कि कोई साइंटिस्ट बन प्रधानमंत्री बन गया । नहीं बन सकता भई । उसके पास बेशक़ ज्ञान का भंडार हो । केवल ज्ञान शासन के लिए काफी नहीं है । उसके लिए ज्ञान के साथ- साथ समझदारी और सूझ-बुझ की भी जरुरत है जो आपको आर्ट्स पढ़ने वालों के पास मिलेगी।
एक वाक्य में कहूँ तो साइंस आपको अच्छी नौकरी प्रदान कर सकती है मगर आर्ट्स आपको मालिक बनाती है । अगर आप UPSC क्लियर के DM भी बनते हैं,तो भी आप अपने जिले के राजा हैं । शर्त यही है कि आप पढाई के प्रति गम्भीर हो ।
इसिलिए आज से और अभी से आर्ट्स वालों के प्रति अपना नजरिया बदलिये क्योंकि भावी मालिक और शासक हैं ये।।
" dont choose the best ,make the best what you choose "- ✍✍संध्या यादव 'साही'