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बचपन: सावन की याद

9 नवम्बर 2021

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तप- तप ,तप-तप सूर्य तपे।
रिमझिम- रिमझिम बारिश हो।
इंद्रधनुष आ जाए तभी,
पूरी मेरी ख्वाहिश हो।
सोचा करती थी बचपन में,
जब मैं थी एक नन्ही गुडिया।
दादी ने मुझको समझाया,
इंद्रधनुष यह है बिटिया।
मैने पूछा दादी माँ!!
किसने इसे बनाया है??
सुन्दर- सुन्दर रंगों से,
किसने इसे सजाया है??
दादी ने मुझको बतलाया,
इसको उसने ही बनाया है ।
सुन्दर-सुन्दर चीज़ों से,
जिसने जगत सजाया है ।
ईश्वर ने कितने सुन्दर,
रन्गों से इसे सजाया है ।
अपने सुन्दर रंगों से,
यह सबके मन को भाया है ।
                  - संध्या यादव "साही"
Amit Yadav

Amit Yadav

वाह!! आपने तो बचपन की याद दिला दी ।

9 नवम्बर 2021

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रचनाएँ
Motivational quotes and thoughts
5.0
इस पुस्तक में आप लोग मेरे नए नए प्रेरणादायी विचारों और सफलता शायरियों से अवगत होंगे।
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बचपन: सावन की याद

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संध्या और सूरज

17 दिसम्बर 2021
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दुआ

24 जनवरी 2022
9
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ठोकर तो बहुत लगती हैं मुझे,न जाने किसकी दुआओं का असर है कि गिरने नहीं देता।।🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲 - संध्या यादव " साही"

22

बाकी हैं

25 जनवरी 2022
7
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4

सिर्फ जख्म भरे हैं मेरे, निशान अभी बाकी हैं ।बस दिल टूटा है मेरा,अरमान अभी बाकी हैं ।।कैसे हार मान लूँ मैं इस जालिम दुनिया से ;मेरी माँ के मुझपर एहसान अभी बाकी हैं ।।🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤

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यूँ ही नहीं ••••

8 मई 2022
3
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0

हर मुस्कुराहट के पीछे, दर्द की लम्बी कहानी होती है ।हर आँसू छिपाना पड़ता है, हर चीख दबानी होती है ।।यूँ ही नहीं लिख जाता नाम इतिहास में;मेहनत की कलम और खून-पसीने की स्याही बनानी होती है ।।

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