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चल, मुझे उड़ान भरने दे। पिंजरे का दरवाजा खुलने दे।। हो गयी उम्र की दहलीज पार। धुंधली सी है, सपनों की नाव। चल, इसे किनारे करने दे ।। चल, मुझे उड़ान भरने दे। पिंजरे का दरवाजा खुलने दे।।