धरोहर है ये प्रकृति की,
इस तरह न बहनें दे,
तरस जाया करोगे तुम,
व्यर्थ में न बहाओं,
जल संरक्षण के इस युद्ध में,
जल रक्षक बन के दिखाओ।
पानी है अनमोल बहुत,
बेस किमती है खजाना ये,
जीवन तो न के बराबर है,
उसके बिना यही तो समझना,
इसे समझाकर अब इस,
महासंकल्प करो और इस महायुद्ध में,
जुड़ के और को भी जोड़ते जाओ,
जल संरक्षण के इस युद्ध में,
जल रक्षक बन के दिखाओ।
पानी को अब दूषित होने,
से बचाना है व्यर्थ न,
बहने दो पानी को अब,
बचना है यह धरोहर है,
अगली पीढ़ी तक भी तो पहुंचना है,
इस महासंकल्प के साथ बढ़ते ,
ही चले जाना है,
जल संरक्षण के इस युद्ध में,
जल रक्षक बन के दिखाना है।