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दोषी कौन ⁉️

25 फरवरी 2023

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दोषी कौन ⁉️  ये कहानी नहीं एक गंभीर मामला है। जो हम सोचते हैं, देखते हैं हमारी कल्पना से परे बहुत ही गंभीर और डरवानी कहानी या यूं कहें एक सच्चाई  है बहुत ज्यादा कड़वी सच्चाई है। इस दुनिया में  मनुष्यों और जानवरो में कोई ज्यादा फर्क नहीं है दोनों एक हैं। ये बात कहते हुए मुझे कोई समस्या नहीं जानवर  में  इतनी जानवरत नहीं है । जो इंसान में जानवर वाले गुण आते जा रहे हैं । इंसानियत को  सवालों के कटघरे में खड़ी करती है  ये कहानी , इंसानियत भुलाकर जो आज एक भयानक रूप लेती जा रही है । ये कहानी हैवानियत  को तार तार कर समाज को आईना दिखाने का काम करेगी। मैंने अपने जीवन भर में जो प्रश्नवाचक दृष्टि से समाज को देखता आया हूं  मैं  आश्चर्यजनक रह जाता हूं। ऐसा भी कुछ हो सकता है आप सभी मित्रों और पाठको से अनुरोध करता हूं  जिस प्रकार मेरी ओर कहानी कि तरह प्रश्नवाचक चिन्ह लगा कर  छोड़ता हूं। । आप सभी पर निर्णय।  यहां   निर्णय भी  सभी के हाथों में छोड़ता हूं। आप सभी अपने विवेक से निर्णय लें कर उत्तर जरूर देंगे यही आशा करता हूं।
धन्यवाद।
लेखक _ विजय मलिक अटैला

यह कहानी है गांव सुजानपुर की जो बहुत ही खुशहाल गांव था। यह गांव एक नदी के किनारे बसता था । जहां पर लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती-बाड़ी और पशुपालन था। गांव के मंदिर के पास ही एक तालाब होता था ।जहां पर गांव के बच्चे आदमी और कभी कबार औरतें पशुओं को नहलाने के लिए आए_ जाएं करते थे। गांव की चौपाल में ही बड़े _ बुजुर्ग बैठा करते थे, और वहीं पर ताश खेलते थे, और एक दूसरे का मजाक उड़ाते थे। हंसी मखोल करना और  हंसी_ ठहाके से पुरी चौपाल  को गुंजा उठते थे। सूरज की पहली किरण के साथ ही किसान खेत में काम करने चले जाते थे ,और बच्चे स्कूल के लिए तैयार हो जाते थे, और गांव की  औरतें बच्चे को तैयार करना, और उनके पति के लिए खाना तैयार करना का काम करता थी। यह गांव बहुत ही खुशहाल और हरियाली भरा दृश्य और भाईचारे की एक मिसाल कायम करता था। इस गांव में बस एक ही  स्कूल था वो भी 12वीं तक स्कूल था। हर वर्ग के लोग रहा करते थे। जिसमें गांव का प्रत्येक बच्चा अपने प्रारंभिक शिक्षा यहीं से प्राप्त करता था।

अब हम बात करते हैं इस गांव में रहने वाले रहने वाले चार दोस्तों की जिनके इर्द-गिर्द ही यह सारी कहानी घूमती है। जिसमें से पहले दोस्त का नाम दिनेश मेहता था ,जिसके पिताजी एक व्यापारी थे ,  उनके बहुत बड़े कारखाने थे ,दिनेश मेहता का परिवार बहुत ही साधन संपन्न और खुशहाल परिवार था ,जो कि गांव के अमीर लोगों में से ही आते थे। विवेक चौधरी उनका दूसरा दोस्त जिसके पिता जी गांव में सरपंच थे, उनके पास अच्छी जमीन थी, और उनका परिवार भी साधन संपन्न और खुशहाल परिवार था। रमेश पंडित उनका तीसरा दोस्त, जिसके पिताजी गांव के मंदिर में पुरोहित का काम करते थे, रमेश पंडित का भी गुजारा अच्छे से हो जाता था। परंतु उनका चौथा दोस्त कमल, जिसके पिताजी के पास 1 एकड़ जमीन थी, और वह मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण बड़ी मुश्किलें से करता था,कमल का परिवार बहुत ही गरीब था। इन चारों दोस्तों के बीच इतनी भिन्नताएं होने के कारण इनमें ऊंच _नीच का जात_ पात का कोई भेद नहीं था। इनकी दोस्ती बहुत गहरी थी, और यह चारों बहुत ही खास और वह कहते हैं कि सब के सब लंगोटिया यार थे। अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद अब सब ने एक योजना बनाई थी कि वह आगे की पढ़ाई करने के लिए बड़े शहर पहुंच कर पुरी करेंगे। परंतु कमल के परिवार की अब इतनी हैसियत नहीं थी। कि वह कमल को बड़े शहर पढ़ने के लिए भेज दे और उसके परिवार ने कमल को मना कर दिया था। परंतु चारों दोस्तों ने आज तक जो किया साथ-साथ किया था चारों दोस्तों ने एक साथ आगे बढ़ना चाहते थे। कमल के पिताजी को अन्दर ही अन्दर एक डर  था कि वह कमल उनका इकलौता पुत्र है उनके पास इतने पैसे भी नहीं है कि उसकी आगे की पढ़ाई पूरी कर सकें कमल उनका इकलौता और एकमात्र सहारा था। तो उसको आगे भेजने के लिए परिवार तैयार नहीं हो रहा था।  लेकिन वह कहते हैं कि जो किस्मत में लिखा है अक्सर वही होकर रहता है फिर सभी दोस्तों के लिए खुशखबरी आईं एक दिन अखबार में कालेज की तरफ से एक इश्तिहार प्रकाशित किया गया था  जिसमें एक योजना बनाई गई सरकार की तरफ से  जिसमें लिखा गया था कि निम्न वर्ग और जो पिछड़े गए हैं आर्थिक रूप से उनके लिए एक परीक्षा आयोजित की जाएगी जो उसे पास करेगा उसे निशुल्क और बहुत ही कम खर्च में  उसकी पूरी पढ़ाई कराई जाएगी। सरकार की तरफ से परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थियों को स्कॉलरशिप दी जाएगी । यह खबर उनके लिए सोने पर सुहागा जैसे हो गई और कमल ने उसके फार्म भर के एग्जाम दिए। कमल ने एग्जाम  पास करने में सफलता मिल गई थी। सब के सब अब शहर जाने के लिए तैयार हो गया थे। शहर जाने से पहले चारों दोस्तों ने थोड़ी सी पार्टी की थी उसके बाद अगले हफ्ता व शहर के लिए रवाना हो गए सब एक दूसरे के परिवार को मिलने के बाद बड़े शहर पहुंच गया थे।


बड़े शहर में पहुंचने के बाद चारों की आंखें चमक गई थी वहां की चकाचौंध देखकर अब चारों के चारों ने जो सपने सजाए थे। उसको पूरा करने के लिए सब एकजुट काम करने लग गए सब ने मिलकर एक हॉस्टल में कमरा में ले लिया वहीं से सब कालेज मे साथ  मिलकर जाते ‌थे। दिनेश मेहता और विवेक चौधरी के साथ क्योंकि उन्हें के पास साधन थे। वह  एक _ दूसरा के साधन भी चला लिया करते थे । अब तक उनकी दोस्ती में सब कुछ अच्छा चल रहा था। लेकिन कहते हैं ना जो हम सोचते हैं ऐसा कभी कुछ होता नहीं है। ठीक वैसे ही अब कमल की भी जिंदगी भी होने वाला था। अब कमल ने भी एक नया दोस्त बना लिया था जिसका नाम जसवीर था जसवीर बहुत ही चालाक मतलबपरस्त व्यक्ति था। वह कमल को उसके दोस्तों के खिलाफ भड़काया करता था। और उसको यह जताता था कि है तुम्हें बता नहीं रहे  है लेकिन वहां तो  तुम्हारे दोस्त तुम्हें नीचा समझते हैं और यह तो  तुम्हें कभी भी अपना दोस्त नहीं मानते धीरे-धीरे कमल अपने दोस्तों से अलग होने लग गया था । उनसे कम बातचीत करता रहा और बहाने लगा कर सबसे दूर ही रहना लग गया। एक सैमेस्टर होने के बाद एक दिन कॉलेज की कैंटीन में कमल को एक लड़की नजर आई उसने उसके जीक्र जसवीर के साथ किया । हालांकि जसवीर की भी उसके ऊपर नजर थी अब धीरे-धीरे जसवीर जैसा कहता जाता था ठीक वैसे ही कमल करनें लग जाता था। कमल धीरे धीरे लड़की के पास आता जाता क्योंकि जसवीर बहुत ही मतलबी था और वह जानता था कि अभी एग्जाम आने वाले हैं और संजय बहुत ही होशियार है उसे नोट्स बनाना और एग्जाम पास करने में उसकी वह मदद करेगा। इसलिए उसे नहीं बताया कि वह भी प्रियंका को पसंद करता है। उसने ही धीरे-धीरे प्रियंका और कमल की दोस्ती करावाई थी अब यह दोस्ती एक साल होने के बाद धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। जसवीर उससे कहते कि अपने दोस्तों से कभी कार कभी तो कभी बाइक तो कभी पैसा लेकर प्रियंका को पसंद काम करें इसको बहाने से घुमाने फिरने लेकर जाए। कमल भी अपने दोस्तों से झूठ बोलकर कभी पैसे लेता तो कभी बाइक तो कभी कार में  प्रियंका को साथ में लेकर जाता था उसने एक दिन प्रियंका का जन्मदिन मनाने के लिए दिनेश मेहता को फोन किया और कहा उसके मात-पिता बहुत बीमार है उनको पैसे भेजना चाहता है तो उससे  ₹50000 उधार में ले लिए और सब के सब पैसे प्रियंका के जन्मदिन पर ही खत्म कर दिया। होटल में पार्टी देकर बर्बाद कर दिए थे।। उस पार्टी में कुछ ऐसा हुआ जिसे देख कर कमल कि मत मारी गई और वह उसको सहन नहीं कर पाया और पार्टी को बीच में ही छोड़कर वहां से भाग गया क्योंकि प्रियंका ने अपने जन्मदिन का केक कमल के साथ नहीं जसवीर के साथ काटा था जिसे वह सहन नहीं कर पाया और पार्टी छोड़कर भाग गया।



अब कुछ ही दिनों बाद प्रियंका ने उसके फोन उठाने भी बंद कर दिया उसे मिलना भी कम कर दिया वह ज्यादा से ज्यादा जसवीर के साथ रहने लग गई क्योंकि जसवीर ने प्रियंका को झूठी कहानी बनाई थी कि वह सब पैसे उसे उधार लेकर उसके साधनों का इस्तेमाल करके उसको घुमाने फिराने के लिए  जाएं करता था। जसवीर और प्रियंका  का एक साथ रहना उनसे मिलने वाले धोखेबाजी को सहन नहीं कर पाया था और जसवीर  जैसा बहुत ही मतलबी  दोस्त और प्रियंका के झूठे प्यार ने कमल को अन्दर से तोड़ दिया था। बाद में इसको पता चला कि प्रियंका  हर साल नए नए बॉयफ्रेंड बनातीं और नए नए लड़कों के साथ घूमना पार्टी करना उसका शौक था। हालांकि वह कभी भी उसने संजय से प्यार नहीं किया था। वहां सिर्फ इसका इस्तेमाल करती थी। इसके साथ झूठ मुट्ठ का प्यार का नाटक किया करती ताकि एग्जाम को पास कर सके । बाद में संजय को पता चलता है कि जसवीर और प्रियंका एक साथ है उनके बीच बहुत कुछ हो चुका है उनके संबंध बन चुके हैं हालांकि संजय प्रियंका से बहुत प्यार करता था उसका प्यार एक तरफा था और बहुत ही सच्चा था । प्रियंका से मिला धोखा को  कमल सहन नहीं कर पाया जिससे उसको  धीरे धीरे नशा कि  लत  लग गई थी। किसी से बात नहीं करता सब से झूठ बोलता और कमरे पर ही रहता था अब अकेला रहने लग गया था 1 दिन जब उसने प्रियंका से बात करनी चाही तो  प्रियंका ने कमल  के मुंह पर थप्पड़ मारा सबके सामने जिसे वह सहन नहीं कर पाया और उसने रूम पर जाकर अपनी जान दे दी संजय ने आत्महत्या कर ली फांसी लगाकर। जब यह बात उसके दोस्तों को पता चली  उन   सबको बहुत बड़ा सदमा लगा  कोई भी यहां सदमा सहन नहीं कर पाए ।उन्होंने  संजय की मौत की सूचना संजय के परिवार को दी जिससे उसके परिवार को बहुत बड़ा सदमा लगा वह इस दुख को सहन नहीं कर पाए हालांकि उसके दोस्तों ने दिलासा दिलाया कि कभी भविष्य में उनकी जरूरत पड़ती है और सब कुछ उनके परिवार के लिए करेंगे। लेकिन जिसका डर था उसके परिवार को वही घटना हो गई उन्होंने अपने बेटे को खो दिया।


जसवीर और प्रियंका साथ साथ  रहने लग गया थे। उनके बीच सब ठीक चल रहा था। लेकिन दूसरी तरफ उसके दोस्त ने अभी निर्णय ले लिया था और पूरी योजना तैयार कर ली थी। परन्तु इनमें से सबसे बड़ा घात विवेक चौधरी को लगा था क्योंकि वह संजय के बहुत ही करीब था और उसको सबसे अच्छा मित्र मानता था उनकी आपस में बहुत ज्यादा बनती भी थी। अब  सबने मिलकर यह योजना बनाई थी।सब ने पहले कॉलेज में उसके दोस्तों से बात की उसके साथ जो जो हुआ सारी घटना का पता किया। तब उन सबको पता चला कि वह  किसी   प्रियंका नाम  की लड़की से प्यार करता था। उसके ऊपर  जान लुटाता था बहुत ज्यादा प्यार करता था। इसलिए  उसने अपनी जान तक  दी थी। अब नरेश अग्रवाल जो संजय की कक्षा में पढ़ते उससे इस लड़की के बारे में पता किया जिससे उनको यह जानकर बड़ा दुख हुआ कि उस लड़की के बहुत सारे बॉयफ्रेंड थे ।और वह बस संजय का इस्तेमाल कर रहे थी।अपने एग्जाम को पास करने के लिए और अपने मतलब को पूरा करने के लिए जब संजय के पास पैसे नहीं रहे तो उसने संजय को छोड़ दिया था।  उसने जसवीर के साथ  संबंध बनाए थे । जिसका पता संजय को चल गया था और यह दोस्ती और प्यार में मिली धोखेबाजी को सहन नहीं कर पाया था। उसने आत्महत्या कर ली  थी। अब सबने मिलकर उसके कातिलों को सजा दिलाने की योजना बनाई सब ने ठानी लिया था। अब उसने योजना पर काम करना लगें  गया थे अगले ही दिन से दिनेश मेहता प्रियंका के पास गया और उसने उसके  साथ झूठ मूठ का प्यार का नाटक किया उससे सारी सच्चाई बुलाई लेकिन वहां पर वह झूठ मुट्ठ के नाटक रोना-धोना  का करने लगीं उन तीनों दोस्तों के समाने प्रियंका ने नाटक किया वहां से झूठी कहानी बनाकर निकल गई उसने एक झूठी कहानी बनाई थी। जसवीर ने उसके साथ धोखा किया और उसे ब्लैकमेल करके सब कराया लेकिन जब उन्होंने जसवीर को पकड़ा और  उसकी पीटाई की  तब जसवीर ने बताया कि उसने उसके साथ भी धोखा किया है उसका काम ही धोखा करना है । प्रियंका ने जानबूझकर सारी फोटो इसके फ़ोन से संजय के फोन पर खुद भेजी थी  ताकि उसको संजय से छुटकारा मिल सकें। जसवीर  के पास से कुछ नहीं मिला तो उसको पीटने के बाद सब वहां से निकल गए ।और अंत में तीनों दोस्तों ने सबकुछ बुलाने का निर्णय लिया और उस जसवीर पीटाई करके तीन दोस्त  उसको वहां पर  छोड़कर  निकल गया थे। सबको भी डर था कहीं न कहीं पर वहां लड़की उन सबको भी ना फसा दे। और सब अपनी अपनी जगह पर वापस चले गए । सबने अपने अपने जीवन मे यहा काली घटना भुलाकर  सब अपने अपने जीवन में व्यस्त हो गए परंतु वे उसके मां-बाप यह सब कुछ नहीं भूल पाए।


अब मैं आप सभी से पूछना चाहता हूं सजय  का दोषी कौन है? खुद संजय है जो बिना सोचे समझे उस लड़की के प्यार के चक्कर में पड़ गया या फिर वह लड़की प्रियंका थी  जिसने उसके साथ सिर्फ मतलब के लिए प्यार का नाटक किया था। या  फिर उसके माता-पिता जिन्होंने उसे उम्मीद करके इतने बड़े शहर में भेजा या फिर उसके दोस्त जिन्होंने बीच में उसे छोड़ दिया उसका कभी पता  तक नहीं लिया था कभी नहीं सोचा क्यों छोड़ दिया कमल ने उन तीनों को अचानक से यहां बात उन तीनों को अजीब भी नहीं लगीं। क्योंकि कमल बहुत खास दोस्त था अचानक दूर होना अजीबोग़रीब नहीं लगा । इन्होंने इस कभी समझाया भी नहीं था । या फिर जसवीर  जिसके ऊपर संजय ने इतना भरोसा किया उसने दोस्ती में धोखेबाजी की थी। आप अपने_  अपने विवेक से सोच समझकर सही उत्तर दीजिए और इस प्रकार के पोशवर धोखेबाज से दूर रखें अपने आपको को  इनकी धोखेबाजी से  ऐसे झूठे से प्यार करने वालों से हमेशा सतर्क रहना चाहिए। जो सिर्फ अपने मतलब के लिए किसी के साथ कुछ भी कर सकते हैं और हां मुझे आशा है कि आप सभी सही और सटीक उत्तर मेरे पास भेजेंगे आगे ऐसी दिल दहलाने वाली कहानियां मैं आपके सामने लाता रहूंगा और ऐसी इंसानियत को तार तार करने वाली एक एक सच्चाई आपके सामने उजागर करूंगा आप सभी सही के साथ ही रहे और ज्ञानवर्धक जानकारी जुटाई आप के साथ कुछ हुआ मुझे से अपने अनुभव साझा जरूर करना । और सत्य घटनाओं से अवगत होकर हमसे सतर्क रहा करें ताकि जो संजय के साथ हुआ भविष्य में कभी आप सभी के साथ इस तरह की घटनाएं न हों इस बात को विशेष ध्यान रखना चाहिए। और मेरा उत्तर देना ना भूलें कि दोषी कौन है ⁉️
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