shabd-logo

वो चुप रही 🤫

16 मई 2022

140 बार देखा गया 140
empty-viewयह लेख अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं है कृपया इस पुस्तक को खरीदिये ताकि आप यह लेख को पढ़ सकें
सन्ध्या गोयल सुगम्या

सन्ध्या गोयल सुगम्या

क्या लिखूं......... निःशब्द हूं। 🙏 अत्यंत मार्मिक....।

17 मई 2022

Vijay Malik Attela

Vijay Malik Attela

17 मई 2022

धन्यवाद 🙏

10
रचनाएँ
समाज एक नज़र में
0.0
इस पुस्तक का उद्देश्य सभी पाठकों को आज के युवा युवती को जागरूक करना और समाज में देहांत में हो रहे घटनाओं के बारे में जागरूक करना है और सभी को उन समस्याओं से लड़ने उनको समझना उनका समाधान करने के बारे में बताया गया है इस पुस्तक के अंदर बहुत ही गहरी और विवेकशील मुद्दों को रखा गया है तथा समाज को एक आईना दिखाने का काम किया गया है यह अनोखा और विचारणीय विषय पर लिखना का नया प्रयास है बहुत से अध्याय को पाठकों के ऊपर छोड़ गया है वह अपने विवेक से उनका उत्तर हमें दें हमें आपका उत्तर का भी इंतजार रहेगा। धन्यवाद लेखक और शायर विजय मलिक अटैला
1

वो चुप रही 🤫

16 मई 2022
6
2
2

आज की कहानी लिखते समय मेरे हाथ कांप रहे थे। यह मेरी सोच से भी परे था, कि मानव अपने लालच , हवस, पैसों, अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए, कितने नीचे गिर सकता है। क्या आज के समाज में रिश्तो से ज्यादा मान

2

बेरोज़गारी की दुनिया

21 जनवरी 2023
1
1
0

एक देश की नींव रखी जाती है, उस देश में रहने वाले लोगों के द्वारा एक और सबसे महत्वपूर्ण वर्ग है जो युवाओं के द्वारा युवा ही देश की रीड की हड्डी के समान होते हैं ।अगर यह कमजोर होते हैं ,तो वह देश

3

दो रूहों कि जात

17 फरवरी 2023
1
1
0

यहां कहानी बहुत ही ज्यादा नई नहीं है परन्तु बहुत ज्यादा पुरानी भी नहीं है। आज से नहीं जब से मानवजाति का इतिहास में इतिहासकार ने जो लिखा है तब से आज तक हमने अपने बुजुर्ग से नानी से या दादी

4

दोषी कौन ⁉️

25 फरवरी 2023
4
1
0

दोषी कौन ⁉️ ये कहानी नहीं एक गंभीर मामला है। जो हम सोचते हैं, देखते हैं हमारी कल्पना से परे बहुत ही गंभीर और डरवानी कहानी या यूं कहें एक सच्चाई है बहुत ज्यादा कड़वी सच्चाई है। इस दुनिया मे

5

"वरदान प्रकृति का "

7 मार्च 2023
1
1
0

सुन्दर झरने झर झर करते,कल कल करती है नदियां,पहाड़ों कि चोटी शोभा बढ़ती,फुल कि महकती है बगिया,कितनी सुन्दर है शान प्रकृति की,मनुष्य को है वरदान प्रकृति का। &nbs

6

"" जल रक्षक बन के "

7 मार्च 2023
1
1
0

धरोहर है ये प्रकृति की,इस तरह न बहनें दे,तरस जाया करोगे तुम,व्यर्थ में न बहाओं,जल संरक्षण के इस युद्ध में,जल रक्षक बन के दिखाओ। पानी है अनमोल बहुत,बेस किमती है ख

7

"हे नारी तू महान"

8 मार्च 2023
3
1
0

हे नारी तू महान है,करता हूं मैं तेरा गुण गान बलदयानी ,दयाभावानी , शक्ति स्वरूपा हैं,

8

"जल से कल है हमारा"

12 मार्च 2023
1
1
0

जल से कल है हमाराजल संरक्षण को है अपनानाजल के बिना न जीवन हमाराजल को दूषित न हो हमारा जल दूषित है तो स्वास्थ्य ख़राब हमाराजल ही तो है जीवन हमाराजल से बहती है नदियां सागर हमारेजल की शुद्धता है लक्

9

" खेल प्रकृति का"

12 मार्च 2023
1
1
0

क्या गजब खेल देखो दिखाया भगवान ने,भुल गए था इंसान राम न,अहम अहंकार अधर्मी के चरु से,भुल बैठ राम नाम न। देखो प्रकृति गजब खेल दि

10

" कोरोना युद्ध"

12 मार्च 2023
2
1
0

वीर योद्धा हो तुम इस युद्ध के इस महामारी के खिलाफ लड़ना है,पुलिस, सफ़ाई कर्मचारी, डाक्टर,महानायक इस युद्ध के,उनके सम्मान में मार्गदर्शन का पालन करना है,वीर योद्धा हो तुम इस युद्ध केमहामारी के खिल

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए