कलम चले भाव से
भाव बने विचार से
विचार जन्मे मन से
मन बना वातावरण से
वातावरण सबसे बड़ा आवरण
और जो इस आवरण को करे वरण
उसे तू ईश्वर जान.
25 नवम्बर 2015
कलम चले भाव से
भाव बने विचार से
विचार जन्मे मन से
मन बना वातावरण से
वातावरण सबसे बड़ा आवरण
और जो इस आवरण को करे वरण
उसे तू ईश्वर जान.