पागल बनो महात्मा गांधी की तरह जो अहिंसा की लाठी लेकर अंग्रेजो से लड़ा और देश को आज़ादी दिला दी
पागल बनो स्वामी विवकानन्द की तरह जो सन्यास की राह से अमेरिका पहुच गया और अमेरिका में देश की मोहर लगा दी
पागल बनो सचिन तेंदुलकर की तरह जिसने गेंद-बल्ले को अपना रब माना और खेलकर खेल का खुदा बन गया
पागल बनो अपने लक्ष्य को पाने के लिए अपने लक्ष्य को पाना ही तो पलपन है
दिन-रात भूख -प्यास लाभ-हानि सुख-दुःख सर्दी-गर्मी मान-अपमान सत्य-झूट जीवन-मरण सारे द्वन्दो को त्याग दो भूल जाओ और
कुछ भी होजाय अपने लक्ष्य पर अडिग रहो इन द्वन्दो को रोका नहीं जा सकता इनसे पीछा नहीं चुढाया जा सकता इन द्वन्दो के साथ
चल कर ही इनसे जीता जा सकता है इसलिए भगवान बुध का मध्यम मार्ग श्री कृष्ण का समतत्त्व योग हमें द्वन्दो के साथ चलना सीखाता है
वन्देमातरम