मेरी प्यारी डायरी,
प्रणाम, कैसी हो, आशा करती हूं कि अच्छी होगी।
सखी, आज इस विषय पर तुमसे बात करनी हैं, वह हैं- "जादुई दुनिया"। अक्सर हमारे मन में यह प्रश्न उठता हैं कि क्या दुनिया से दूरी भली हैं? हमारे विचार से तो, हां। क्योंकि हम दुनिया रूपी मोह माया से दूर होकर ही, अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
कई बार हमारे सामने वर्तमान में ऐसी परिस्थिति आ जाती हैं, जिसमें हम भविष्य में होने वाली अपनी स्वयं भी स्थिति को भी नहीं देख पाते और वर्तमान की परिस्थिति में ही उलझे रह जाते हैं। फिर जब ये वर्तमान की बात भूतकाल में बदल जाती हैं, तब हम अपने भविष्य में यह सोचते हैं कि काश! मैंने उस समय मैंने ऐसा ना किया होता, तो आज मेरा वर्तमान हर तरफ से सुरक्षित होता और मैं भी एक सफल व्यक्ति होता।
क्योंकि हमारे जीवन में एक ऐसा मोड़ अवश्य आता हैं, जब हमें कुछ पाने के लिए, कुछ छोड़ना ही पड़ता हैं। लेकिन कई बार हम अपनी और अपनों की भावनाओं में बहकर, वह चीज छोड़ हीं नहीं पाते, जो हमारे जीवन लक्ष्य की प्राप्ति में बाधा का काम कर रही हैं।
और फिर से एक बार जीवन में इतने पीछे हो जाते हैं कि हमारे लक्ष्य की राहें भी हमें नजर नहीं आती।
माना कि अपने अपनों से प्यार करना अच्छा हैं, लेकिन प्यार का मोह हमें जिंदगी में कुछ भी नहीं करने देता। इसलिए अपने भावनात्मक रूप से बाहर आकर, वास्तविकता को अधिक महत्व दें। क्योंकि जो वास्तविक हैं, वही हमारे जीवन में सार्थक भी साबित होता हैं।
हमारे जीवन में ऐसी परिस्थिति का आना अनिवार्य हैं, जब उस समय हमें अपने मोह और उन्नति में से किसी एक को चुनना पड़ेगा। फिर उस समय का सही निर्णय ही यह तय करेगा, कि हम अपने जीवन में कहां पर होंगे। इसलिए हमेशा अपने जीवन में वही निर्णय लें, जो आपके और आपके अपनों के लिए सर्वथा सही हो। क्योंकि जब इंसान कमजोरी में होता हैं, तो उसके अपने भी उसका साथ छोड़ देते हैं। इसलिए जब आप हर तरह मजबूत होंगे, तभी अपने अपनों को मजबूती दे पाएंगे।
आज के दिन की महत्वपूर्ण सीख यह हैं कि "हमें अपने जीवन के हर निर्णय को पूरे होशो हवास में लेना चाहिए। कभी भी भावनात्मक होकर या कमजोर बनकर किसी निर्णय को नहीं लेनी चाहिए"। आज के लिए बस इतना ही, फिर मिलेंगे कुछ और नयी बातों के साथ। क्योंकि इन बातों का सिलसिला तो हमेशा चलता रहेगा, तुम्हारे साथ.......।
✍️राधिका..🙏
🌻वासुदेवाय नमः🌻