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पितृपक्ष..!

17 सितम्बर 2022

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प्यारी डायरी..

       सखी, यह महीना सच में बहुत हीं पावन होता हैं। क्योंकि इस महीने में विशेष रूप अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान और आदर प्रकट करने का स्वर्णिम अवसर हम सभी के पास होता हैं। जिसे हम पितृपक्ष कहते हैं और अन्य भाषा में इसे श्राद्ध भी कहा जाता हैं।

       पितृपक्ष धार्मिक मान्यताओं में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं। मम्मी कहती हैं कि अगर हमारे पितृ या पूर्वज हमसे खुश रहते हैं, तो हमारे सभी काम हमेशा अच्छे होते हैं। अगर हमारे पूर्वज खुश हैं, तो ईश्वर भी हमसे प्रसन्न रहते हैं और हमें सद्बुद्धि प्रदान करते हैं।

       या ये कहिए कि यह महीना अपने दादा-दादी जी और परदादा -परदादी जी के प्रति आदर और सम्मान प्रकट करने का उत्सव हैं। इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में जहां हम सबकुछ भूलते जा रहें हैं, वहीं ये छोटे छोटे पर्व और त्योहार मिलकर हमे हमारी संस्कृति की याद दिला रहें हैं। 
      
       हमारे पास आज जो वर्तमान में हैं, वह सिर्फ और सिर्फ हमारे पूर्वजों की हीं धरोहर हैं। उनकी सभ्यता, उनके संस्कार, उनके विचार, सब कुछ एक पीढ़ी से स्थानांतरित होकर हमारी दूसरी पीढ़ी में आया हैं। 

       इसलिए जिन्होंने हमें इतना अच्छा वर्तमान दिया हैं, उनके प्रति आभार और सम्मान प्रकट करना हमारे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात हैं। इसलिए पूरे श्रद्धा भाव से पितृपक्ष को मनाए और अपने पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना कीजिए।

       अपनी हर प्रार्थना में ये एक बात अवश्य कहें कि भगवान आप सबका भला करें, सबके परिवार को खुश रखें, सभी को सुख, शान्ति दें, बस शुरूआत अपने इस सेवक से करें।🙏🙏
🌻वासुदेवाय नमः🌻

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