shabd-logo

जलपरी नागकन्या उलूपी

10 मार्च 2023

65 बार देखा गया 65


article-image


अर्जुन की चौथी पत्नी का नाम जलपरी नागकन्या उलूपी था। उन्हीं ने अर्जुन को जल में हानिरहित रहने का वरदान दिया था। महाभारत युद्ध में अपने गुरु भीष्म पितामह को मारने के बाद ब्रह्मा-पुत्र से शापित होने के बाद उलूपी ने ही अर्जुन को शापमुक्त भी किया था और अपने सौतेले पुत्र बभ्रुवाहन के हाथों मारे जाने पर उलूपी ने ही अर्जुन को पुनर्जीवित भी कर दिया था। विष्णु पुराण के अनुसार अर्जुन से उलूपी ने इरावन नामक पुत्र को जन्म दिया। इसी इरावन को भारत के सभी हिजड़े अपना देवता मानते हैं। उलूपी अर्जुन के सदेह स्वगारोहण के समय तक उनके साथ थी। माना जाता है कि द्रौपदी, जो पांचों पांडवों की पत्नी थीं, 1-1 साल के समय-अंतराल के लिए हर पांडव के साथ रहती थी। उस समय किसी दूसरे पांडव को द्रौपदी के आवास में घुसने की अनुमति नहीं थी। इस नियम को तोड़ने वाले को 1 साल तक देश से बाहर रहने का दंड था। अर्जुन और द्रौपदी की 1 वर्ष की अवधि अभी-अभी समाप्त हुई थी और द्रौपदी-युधिष्ठिर के साथ का एक वर्ष का समय शुरू हुआ था। अर्जुन भूलवश द्रौपदी के आवास पर ही अपना तीर-धनुष भूल आए। पर किसी दुष्ट से ब्राह्मण के पशुओं की रक्षा के लिए लिए उन्हें उसी समय इसकी जरूरत पड़ी अत: क्षत्रिय धर्म का पालन करने के लिए तीर-धनुष लेने के लिए नियम तोड़ते हुए वह द्रौपदी के निवास में घुस गए। बाद में इसके दंडस्वरूप वे 1 साल के लिए राज्य से बाहर चले गए। इसी एक साल के वनवास के दौरान अर्जुन की मुलाकात उलूपी से हुई और वह अर्जुन पर मोहित हो गईं। ऐसे में वह उन्हें खींचकर अपने नागलोक में ले गई और उसके अनुरोध करने पर अर्जुन को उससे विवाह करना पड़ा। कहते हैं कि दोनों एक वर्ष तक साथ रहे। यह भी कहा जाता है कि अर्जुन ने नागराज के घर में ही वह रात्रि व्‍यतीत की। फिर सूर्योदय होने पर उलूपी के साथ अर्जुन नागलोक से ऊपर को उठे और फिर से हरिद्वार (गंगाद्वार) में गंगा के तट पर आ पहुंचे। उलूपी उन्‍हे वहां छोड़कर पुन: अपने घर को लौट गई। जाते समय उसने अर्जुन को यह वर दिया कि आप जल में सर्वत्र अजेय होंगे और सभी जलचर आपके वश में रहेंगे। अर्जुन और नागकन्या उलूपी के मिलन से अर्जुन को एक वीरवार पुत्र मिला जिसका नाम इरावान रखा गया। भीष्म पर्व के 90वें अध्याय में संजय धृतराष्ट्र को इरावान का परिचय देते हुए बताते हैं कि इरावान नागराज कौरव्य की पुत्री उलूपी के गर्भ से अर्जुन द्वारा उत्पन्न किया गया था। नागराज की वह पुत्री उलूपी संतानहीन थी। उसके मनोनीत पति को गरूड़ ने मार डाला था, जिससे वह अत्यंत दीन एवं दयनीय हो रही थी। ऐरावतवंशी कौरव्य नाग ने उसे अर्जुन को अर्पित किया और अर्जुन ने उस नागकन्या को भार्या रूप में ग्रहण किया था। इस प्रकार अर्जुन पुत्र उत्पन्न हुआ था। इरावान सदा मातृकुल में रहा। वह नागलोक में ही माता उलूपी द्वारा पाल-पोसकर बड़ा किया गया और सब प्रकार से वहीं उसकी रक्षा की गयी थी। इरावान भी अपने पिता अर्जुन की भांति रूपवान, बलवान, गुणवान और सत्य पराक्रमी था।  

Meenu Dwivedi

Meenu Dwivedi

बहुत सुन्दर लिखा है आपने सर 👌 मेरी कहानी पढ़कर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

12 अगस्त 2023

लिपिका भट्टी

लिपिका भट्टी

बहुत सुंदर प्रस्तुति दी

12 मार्च 2023

Deepak Singh (Deepu)

Deepak Singh (Deepu)

12 मार्च 2023

आपके प्रोत्साहन के आपका आभार

5
रचनाएँ
अनकहा सत्य
5.0
पौराणिक कथाओं का संग्रह
1

सूर्पणखा पुत्र - जंबु माली

28 फरवरी 2023
2
2
3

हरि अनंत हरि कथा अनंता। रंगनाथ रामायण में एक सर्वथा नई कथा मिलती है जिसके अनुसार शूर्पणखा को एक पुत्र था जिसका नाम जंबुमाली था। कथा के अनुसार जब रावण ने अपने बहनोई विद्युज्जिह्व का वध कर दिया, उस समय

2

भगवन अयप्पा

9 मार्च 2023
2
1
1

कहते हैं कि भगवान शिव के कई पुत्र थे, जैसे गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, भौम आदि। उन्हीं में से एक अयप्पा स्वामी भी थे। अयप्पा स्वामी के जन्म की कथा बड़ी ही रोचक है। केरल के सबरीमाला में भगवान

3

जलपरी नागकन्या उलूपी

10 मार्च 2023
2
2
3

अर्जुन की चौथी पत्नी का नाम जलपरी नागकन्या उलूपी था। उन्हीं ने अर्जुन को जल में हानिरहित रहने का वरदान दिया था। महाभारत युद्ध में अपने गुरु भीष्म पितामह को मारने के बाद ब्रह्मा-पुत्र से शापित हो

4

रावण ने किया था राम जी के लिए यज्ञ

16 मार्च 2023
1
0
0

पौराणिक कथा के अनुसार रावण एक ऐसा महाज्ञानी था जिसने 9 ग्रहों को अपने वश में कर लिया था और जब भगवान राम ने लंका जाने के लिए पुल बनाने की सोची, तो उन्हें रामेश्वरम में सबसे पूजा करानी थी। चूंकी उस समय

5

द्रोपदी में अर्जुन से अधिक प्रेम करती है?

28 मार्च 2023
0
0
0

जब पांचाली की मृत्यु हो गई, तो युधिष्ठिर ने पांडवों को जवाब क्यों दिया कि वह अन्य पांडवों की तुलना में अर्जुन से अधिक प्रेम करती है? मैंने सुना है कि द्रौपदी सभी पांडवों को समान रूप से प्यार करती थी।

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए