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आस्तिक

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श्रीकृष्ण का जन्म, एक महोत्सव महान, जिसने दिया हमें, धर्म का सच्चा ज्ञान, आओ मिलकर मनाएं, ये पावन पर्व खास,जय श्रीकृष्णा की गूंज उठे, हर घर में आवाज़।

6. जब बाबा काशी गए, गौरा भयीं अधीर। अन्न, अंबु, घर तज दिया, अक्ष बहे झर नीर।। 7. कंठ हार भोले सजे, है परम मूल्य वान। भक्त अपरिमित वासुकी, न करे कोई मान।। 8. शिव पूजन का नाग का, है पहला अधिकार।

प्रति,        तेजस्वी जी🕯         सादर नमस्कार🙏               हर मनुष्य किसी न किसी धर्म में जन्म लिया है। जन्म के पहले वह किसी भी धर्म का नही था बल्कि एक मनुष्य था।जैसे ही संसार से जुड़ा वह हि

मेरे प्रभु श्रीरामसंवरे सारे बिगड़े काम, विपदा का हो काम तमाम, संशय हटे तब मन का सारा, प्रभु श्रीराम का लें जब नाम, छवि अनोखी जिनकी प्यारी, उनसे महके हर फुलवारी, कांटों म

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जी हां मित्रों प्रभु भोज भी एक बड़ा गंभीर विषय है जिसको आज बड़े हल्के में लोग लेते हैं और बड़े हल्के में लोग प्रभु भोज को ले भी रहे हैं लेकिन उसकी गंभीरता को उसकी चेतावनी को नहीं जानते कि प्रभु

जी हां मित्रों आज यह बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है जबकि परमेश्वर ने हमें चुना है हमने विश्वास किया है प्रभु को ग्रहण किया है और प्रभु से उसके बदले बहुत से दान वरदानों को प्

जब पांचाली की मृत्यु हो गई, तो युधिष्ठिर ने पांडवों को जवाब क्यों दिया कि वह अन्य पांडवों की तुलना में अर्जुन से अधिक प्रेम करती है? मैंने सुना है कि द्रौपदी सभी पांडवों को समान रूप से प्यार करती थी।

पौराणिक कथा के अनुसार रावण एक ऐसा महाज्ञानी था जिसने 9 ग्रहों को अपने वश में कर लिया था और जब भगवान राम ने लंका जाने के लिए पुल बनाने की सोची, तो उन्हें रामेश्वरम में सबसे पूजा करानी थी। चूंकी उस समय

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अर्जुन की चौथी पत्नी का नाम जलपरी नागकन्या उलूपी था। उन्हीं ने अर्जुन को जल में हानिरहित रहने का वरदान दिया था। महाभारत युद्ध में अपने गुरु भीष्म पितामह को मारने के बाद ब्रह्मा-पुत्र से शापित हो

रावण अत्यंत विनम्रतापूर्वक मारीचि को झुक कर प्रणाम करता है और मारीचि का माथा ठनक जाता है | रावण बोला मामा मारीचि चलिये स्वर्ण मृग बनना है आपको और राम को छल से भटका कर दूर ले जाना है । रावण जैसे म

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मां दुर्गा एनर्जी एंपावरमेंट 1.मां दुर्गा 2.शेर सवारी क्यों 3.मां के रूप और मानव चक्र 4.चैत्र नवरात्रि क्यों मनाते हैं 5.मां के रूप विस्तार से  6.कथा 7. SUMMARY TABLE  8.ध्यान 9. अपनी प्रैक्ट

विलासिता क्या है? अतिशय गुढ प्रश्न है। क्योंकि यह अखिल संसार ही इसके पीछे अंधी दौड़ लगा रहा है। भला सुख-सुविधा और उपभोग की वस्तुएँ किस को पसंद नहीं। कौन नहीं चाहता कि वह अच्छा पहने, अच्छा खाए और अच्छी

नरसी मेहता महान कृष्ण भक्त थे. कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने उनको बावन बार साक्षात दर्शन दिए थे। नरसी मेहता का जन्म जूनागढ़, गुजरात में हुआ था. इनका सम्पूर्ण जीवन भजन कीर्तन और कृष्ण की भक्ति में

श्री बजरंग बली, अंजन सुत, पवन तनय वीर हनुमान की कथा भी इसी श्रेणी में आती है। महाबली हनुमान ग्यारहवें रुद्र है। बजरंग बली श्री राम के अनन्या-नन्य भक्त है। उनको राम नाम के अलावा जगत में कुछ भी तो प्रिय

पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं । ब्रह्माजी ने भगवान की आज्ञा से ब्रह्माण्ड की रचना की । तब दयालु शिव जी ने विचार किया कि कर्म-बंधन में बंधे हुए प्राणी मु

सबसे पहले तो मैं श्री गणेश की वंदना करता हूं। गौरी- महेश नंदन बिना विघ्न के मेरी इस रचना का पूर्ण करें। तत्पश्चात मैं वीणा धारनी शक्ति स्वरुपा जगदंबा शारदा की वंदना करता हूं। वे मुझे ज्ञान पुंज दे, जो

जय श्रीकृष्ण। मित्रगण। आप और हम पर कृष्ण  कृपा बरसती रहे।दोस्तो पुनर्जन्म  की धारणा पर विभिन्न  लोग विभिन्न  मत रखते आए है।हमारी सनातन परंपरा  व धर्म  के अनुसार  पुन

 तप क्या है यह एक सामान्य  सा प्रश्न है और जब हम इसके अर्थ को जानने का प्रयास  करते है  तो मन मे धारणा बनती है कि,कोई  साधू या सन्यासी कोई  स्थान विशेष  पर बैठ 

जय श्रीकृष्ण। साथियो ,मुझे खुशी के साथ साथ अपार हर्ष व प्यार का एहसास  हो रहा है कि आप को मेरे विवेचनात्मक विचार। कृष्ण कृपा से भा रहे है।आदरणीय गण, यह सब कृष्ण कृपा है व उनका आशीर्वाद है,वो

हमारी सनातन परंपरा  उत्कृष्ट  परम्परा रही है।उसमे अथाह ज्ञान  व जानकरी का समावेश  रहा है ।पर वो नीरस न लगे सो इसे संकेत  या कहानियो से समझाया गया।अब बौध्दिक  विकास 

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