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जीवन की सच्चाई

15 अगस्त 2019

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आजा़द हुए हमे 73 साल हुए

मगर हक़ीक़ी आजा़दी कोई दिलाए तो सही ।


नफ़रतो के इस दौर मे भी

मुहब्बत को कोई जगाये तो सही ।


अविश्वासो की इन आँधियाँ मे भी

विश्वास का कोई दीया जलाए तो सही ।


रिश्ते तो बहुत होते हैंं मगर

इन रिश्तों को कोई निभाए तो सही ।


सपने तो बहुत लोग देखते हैं मगर

इन सपनो को कोई साकार बनाए तो सही ।


निराश तो बहुत लोग करते हैंं मगर

निराशा मे भी कोई आशा की किरण दिखाए तो सही ।


सुख मे तो सब साथ देते हैंं मगर

दुःख मे भी कोई साथ निभाए तो सही


माएं तो सबकी होती हैं मगर

मा की कदमों को कोई जन्नत बनाए तो सही ।



जीवन तो सबको मिलती हैं मगर

इस जीवन को देश के लिए कोई खपाये तो सही ।

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