जीवन यात्रा
कदम कदम, जिन्दगी बढ़ती रहती, आगे की ओर;
बचपन से जवानी, जवानी से बुढ़ापे की ओर।
. . . . जवानी से बुढ़ापे की ओर।।
जीवन में आते हैं, कुछ ऐसे क्षण;
शादी, सेवनिवृत्ती हैं, कुछ ऐसे ही क्षण।
जब बदल जाती है जिंदगी, एकदम से;
. . . . एकदम से;
सिर्फ एक कदम चलने से।
. . . . सिर्फ एक कदम चलने से।।
कदम कदम, जिन्दगी बढ़ती रहती, आगे की ओर;
एक चरण से अगले चरण की ओर।
. . अगले चरण की ओर; . . . अगले चरण की ओर।।
जीवन में वो क्षण भी आता है;
जब जिंदगी पूर्ण विराम पाती, एकदम से;
शरीर बंद करता, एक भी कदम चलने से।
. . . . एक भी कदम चलने से।
जीवन भर तैयारी चला करे,
प्रसन्नता से, मिलना हो सके उस क्षण से।
. . . . मिलना हो सके उस क्षण से।।
जिसको याद रहता, जीवन यात्रा है मृत्यु की ओर;
उसके अंदर प्रसन्नता रहती, चाहे जाए किसी भी ओर।
. . . . उसके अंदर प्रसन्नता रहती, चाहे जाए किसी भी ओर।।
कदम कदम, जिन्दगी बढ़ती रहती, आगे की ओर;
कदम कदम, जिन्दगी बढ़ती रहती, मृत्यु की ओर।
. . . . . मृत्यु की ओर; . . . . . . . . मृत्यु की ओर।।
जिसको याद रहता, जीवन यात्रा है, मृत्यु की ओर;
उसके अंदर प्रसन्नता रहती, चाहे जाए किसी भी ओर।
. . . . उसके अंदर प्रसन्नता रहती, चाहे जाए किसी भी ओर।।
उदय पूना