* प्रकृति और हम *
(( वयस्कों केलिए गहरा सन्देश लिए ))
जब एक पेड़ बीमार होता है, तो क्या करते हैं ??
यदि पेड़ प्रिय है, तो उपाय करते हैं;
क्या फिर, उसके तने, डालियों, पत्तों का इलाज करते हैं ??
या, उसकी जड़ों पर काम करते हैं;
चलो इसकी बात करते हैं, इस दिशा में कार्य करते हैं।।
यदि बहुत संख्या में पेड़ बीमार हों, तो क्या करते हैं ??
क्या उपरोक्त उपाय को ही काम में लाने की सोचते हैं ??
यह विकल्प न जाने, कितने संसाधन मांगेगा;
कितना समय मांगेगा;
कितने व्यक्तियों की सेवा चाहेगा;
तो मिट्टी, खाद, पानी, हवा को थोक में ठीक करने का उपाय करते हैं;
उनको फिर से उनकी प्राकृतिक स्थिति में लाने की व्यवस्था करते हैं;
चलो इसकी बात करते हैं, इस दिशा में कार्य करते हैं।।
जब धरती साझा;
पानी साझा;
हवा साझा;
तो, मिलजुलकर व्यवस्था करते हैं;
समग्र प्रकृति का संतुलन वापिस लाने की व्यवस्था करते हैं;
चलो इसकी बात करते हैं, इस दिशा में कार्य करते हैं।।
केवल हम ही हम हैं, और प्रकृति से कट कर रहते हैं;
और प्रकृति को छति पहुंचाते रहते हैं;
हम अब, हम ही हम का परिणाम जानते हैं, हम ही हम को सीमित करते हैं;
जीवन की गुणवत्ता को सीमित करते हैं।।
चलो आपस में मिलजुलकर रहते हैं;
चलो प्रकृति से मिलकर चलते हैं, प्रकृति के साथ चलते हैं;
चलो अच्छे से रहते हैं;
चलो इसकी बात करते हैं, इस दिशा में कार्य करते हैं।।
उदय पूना