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JYOTI PRASAD RATURI की पुस्तकें

रतूड़ी की डायरी✍️

रतूड़ी की डायरी✍️

खास कुछ नही बस जो कुछ भी घटा देखा वो लिख दिया । कुछ आप बीती कुछ औरों की ।

6 पाठक
8 रचनाएँ

निःशुल्क

रतूड़ी की डायरी✍️

रतूड़ी की डायरी✍️

खास कुछ नही बस जो कुछ भी घटा देखा वो लिख दिया । कुछ आप बीती कुछ औरों की ।

6 पाठक
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दिल की आवाज़

दिल की आवाज़

ख्यालों में ही गुजर कर ली हमने "ताउम्र" कुछ ही बची है । अब आ भी जाओ रूबरू कर दे , इक बार दिल को । रस्म ए दीदार अभी बाकी है । ✍️ज्योति प्रसाद रतूड़ी 🙏मुझे आशा है की "दिल की आवाज़" आपको पसंद आयेगी ।

4 पाठक
18 रचनाएँ

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दिल की आवाज़

दिल की आवाज़

ख्यालों में ही गुजर कर ली हमने "ताउम्र" कुछ ही बची है । अब आ भी जाओ रूबरू कर दे , इक बार दिल को । रस्म ए दीदार अभी बाकी है । ✍️ज्योति प्रसाद रतूड़ी 🙏मुझे आशा है की "दिल की आवाज़" आपको पसंद आयेगी ।

4 पाठक
18 रचनाएँ

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रिसता घाव

रिसता घाव

यह सत्य घटना पर आधारित है पात्र के नाम और जगह काल्पनिक है ।

1 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

रिसता घाव

रिसता घाव

यह सत्य घटना पर आधारित है पात्र के नाम और जगह काल्पनिक है ।

1 पाठक
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JYOTI PRASAD RATURI के लेख

वो मेरे आंसू थे...

23 अप्रैल 2024
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वो मेरे आंसू थे , जो छलक गए  अंखियों के झरोखों से । आह...! आई किसी की याद आज ,  सच कई दिनों से । ✍️ज्योति प्रसाद रतूड़ी ।

बेजार नही हम तुझ से मेरे मौला !

7 अप्रैल 2024
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बेज़ार नही हम तुझसे मेरे मौला ! मगर शिकवा जरूर है तुझसे । जिन्हें चाहते है हम जी भर कर , काश के उनको मेरे मुकद्दर में,  बनाया होता । यूँ तो जिंदगी के हर पहलुओं में , मुझे तुझसे शिकायत रही है मगर

मेरे ख्यालों ने आज मुझे, सकून की वो रातें दी है ।

7 अप्रैल 2024
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मेरे ख्यालों ने आज मुझे, सकून की वो रातें दी है । रहा मैं संग उनके , हसीन पलों की वो बातें दी है । मेरे ख्यालों ने आज मुझे , सकून की वो रातें दी है । रहा मैं संग उनके , हमसफ़र बनकर । वो बिछौना मेरे

दिल से न जुदा होने देंगे प्रीत तेरी ।

7 अप्रैल 2024
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दिल से न जुदा होने देंगे प्रीत तेरी , दिल में बसा के रखेंगे हम प्रीत तेरी ।  याद तेरी आती है बहुत , जीना दुस्वार हो जाता है ।  तुमसे मुलाकात को यह दिल,  तड़प जाता है । हो जाती है गुफ्तगू तुमसे जब

चांद ही नहीं उगा आज , शब ए गम में ।

7 अप्रैल 2024
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चांद ही नहीं उगा आज , शब ए गम में । बड़ी मुश्किल से गुजरी है , आज जिंदगी तन्हाई में । हाल ए दिल देख कर , हमसे रोया न गया । बहुत थे अल्फ़ाज़  ए गम,  बेबस ही रहे उन्हें देख कर हम । आये ख्याल उनको,

कू -कू कोयल राग प्यार का गीत मधुर यह गाती है।

7 अप्रैल 2024
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कू-कू कोयल राग प्यार का , गीत मधुर यह गाती है । बैठी है दूर डाल पर , सबके मन को भाती है । नही बैर इसको किसी से , मस्ती में यह रहती है । कू-कू कोयल राग प्यार का,  गीत मधुर यह गाती है । बसंत अलब

बेवजह की भी कोई वजह होती है ।

7 अप्रैल 2024
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बेवजह की भी, कोई वजह होती है । वेवजह कभी कुछ,  होती नही ।। कशिश होती है जरूर , तमन्नाओं के समंदर में । न आये उफान तो क्या ,  " लहरें  "  साहिल से मिलना कभी ,

ऐ जिंदगी बना हूँ, मैं तेरा दीवाना ।

7 अप्रैल 2024
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ऐ जिंदगी बना हूँ, मैं तेरा दीवाना । और तू है कि , चली जा रही है । कभी खामोश सी और , कभी मुस्कुरा रही है । जरा ठहर तो सही , आ पास बैठ । कुछ तू अपनी कह, कुछ हम अपनी सुनाएं ।

तेरी इस अंजुमन में आ तो गए हम ।

7 अप्रैल 2024
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तेरी इस अंजुमन में , आ तो गए हम । अब मुझको तुम , संभाल लेना । मुद्दतों से खुश्क ही रहा है ये दिल,  इक़ घुट ही काफी है । तेरे मयकदे से छलके है जाम , और ज़ियादा । पी जाएं कुछ ज़ियादा हम , "जाम ए हुश

कैसे रहूंगा मैं तेरे बिना , कैसे रहूंगा कैसे रहूंगा ।

7 अप्रैल 2024
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कैसे रहूंगा मैं तेरे बिना , कैसे रहूंगा कैसे रहूंगा । कैसे रहूंगा मैं तेरे बिना , कैसे रहूंगा कैसे रहूंगा ।  तेरी याद पल पल , जो आएगी मुझको ।  इस दिल को मैं , क्या कह के कहूंगा ।  इस दिल को मैं ,

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