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अंधेरी रात की नीरवता को चीरती हुई ट्रेन अपनी पटरियों पर धड़ धड़ाती हुई चली जा रही थी।ट्रेन का एक सुनसान कंपार्टमेंट...जिसमें सिर्फ़ एक हल्की सी लाइट ऑन थी या शायद वो ही एक लाइट सही हालत में थी बाक़ी लाइट