खुद को खुद की कैद से रिहा कर, खुद पर तू ये एहसान कर, माना एक लम्हा है उसकी यादों का तुझमें ठहरा हुआ अब तू इस लम्हे को आजाद कर ।
17 अगस्त 2022
खुद को खुद की कैद से रिहा कर, खुद पर तू ये एहसान कर, माना एक लम्हा है उसकी यादों का तुझमें ठहरा हुआ अब तू इस लम्हे को आजाद कर ।