कागज पेन औ फूलों का पहाड़ रखा हैं
दरअसल उसकी यादों का जुगाड़ रखा हैं_
ऐसे तो मियां बड़े शरीफ हैं हम लेकीन
मेरी ही एक 'डायरी' ने बिगाड़ रखा हैं
मुहब्बत वाला 'खत' औ साथ वाली 'फोटो'
मेरे कमरे में बहुत सा कबाड़ रखा है।।
©®कुमार दुर्गेश 'बेपरवाह'
19 दिसम्बर 2015
कागज पेन औ फूलों का पहाड़ रखा हैं
दरअसल उसकी यादों का जुगाड़ रखा हैं_
ऐसे तो मियां बड़े शरीफ हैं हम लेकीन
मेरी ही एक 'डायरी' ने बिगाड़ रखा हैं
मुहब्बत वाला 'खत' औ साथ वाली 'फोटो'
मेरे कमरे में बहुत सा कबाड़ रखा है।।
©®कुमार दुर्गेश 'बेपरवाह'