
'कविता मौन ही होती है...’ मेरे द्वारा लिखित कविताओं का संग्रह है जो भिन्न-भिन्न समय और मानसिक अवस्था में लिखी गयीं हैं. कविता भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है जिसमें व्यक्ति एक अलग ही तरह का मानसिक सुख पाता है. यह सुख व्यक्तिगत होता है लेकिन कई बार यह व्यक्तिगत से सार्वजनिक भाव भी रखता है.
भावनाएं कभी समाप्त नहीं होती बल्कि उनकी दिशा में परिवर्तन आ जाता है. उम्मीद हैं आपको ये पसंद आएँगी और आपका मार्गदर्शन हमें इसमें सुधार के लिए मिलेगा.
डॉ देशराज सिरसवाल
25 दिसम्बर 2019