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खुशी एक अनकही दास्तां...🦋part –1

18 अप्रैल 2023

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नोट :: इस कहानी का किसी भी व्यक्ति या स्थान से कोई संबंध नहीं है|||||
इस कहानी को किसी भी व्यक्ति या स्थान से ना जोड़े..........ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है.........!!!!!!

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उत्तर प्रदेश......................

यह कहानी है "उत्तर प्रदेश "के एक छोटे से गांव की..................
एक बूढ़ी सी औरत अपनी बहु को लगभग ताने सुनाते हुए तेरी शादी को पांच साल बीत गए पर अभी तक घर में एक बच्चे की किलकारी ना गूंजी......
पता नहीं कौन सी पाप की सजा मुझे मिली है जो तेरे जैसी मनहूस बांझ बहु मुझे मिली............
इतना बोलते हुए घर से बाहर चली जाती हैं और अपने काम में लग जाती हैं।

फिर भी वो औरत कुछ नहीं बोलती ये तो रोज का हो गया था उसको रोज ही ताने सुनने को मिलते अपनी सास से........
बेचारी सुमन खुद को ही कोसते हुए और रोते _रोते खाना बनाने लगती हैं !!
करती भी क्या कुछ नहीं कर सकती थी उसका पति भी बाहर रहता था वो तो साल दो साल बाद ही आता था शहर से तो उसे तो घर के हालात के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती थी उसे तो सबकुछ सामान्य ही लगता और सुमन भी कभी अपने पति से कोई शिकायत नहीं करती थी बस अपनी क़िस्मत मान कर जी रही थी अपनी जिंदगी.....

सुमन रोते हुए खाना बनाने में लगी थी उसे ध्यान भी नहीं रहता कोई बहुत देर से उसे बुला रहा है.....
भाभी, भाभी, ये कोई और नहीं सुमन का देवर रमन बुला कर होता हैं।।
सुमन जब देखती है रमन कबसे उसे बुला रहा है तो सुमन बोलती है क्या हुआ भईया कोई काम था क्या..
रमन :: नहीं भाभी कोई काम नहीं है मैं तो कबसे आपको बुला रहा था... पर आप रो रही थी... पर क्यों रो रही थी आप भाभी...?
मां ने फिर से कुछ बोला है ना अपको हम्मम पक्का मां ने ही बोला होगा मुझे पता है उनका तो रोज का काम हो गया है किसी और का गुस्सा आप पर उतारने की..
कोई बात नहीं भाभी आने दीजिए इस बार भईया को मैं उन्हे इस बार सारी बात बताऊंगा.....

सुमन :: नहीं भईया आप अपने भईया को कुछ नहीं बताएंगे।।

रमन :: क्यों नहीं बताऊंगा आप तो बताने से रही और मुझे भी बताने से मना कर रही है।
पर मै तो बताऊंगा......
हां तो मैं आपको बताने आया था कल भईया आ रहे हैं।
अभी कॉल आया था भईया का....

सुमन :: खुश होते हुए सच्ची आपके भईया कल आ रहे हैं.....??

रमन :: हां भाभी सच में भईया कल आ रहे हैं अच्छा भाभी मैं अभी कॉलेज जा रहा हूं शाम को आके आपसे बात करूंगा...
सुमन ठीक है भईया खाना खा कर फिर जाइए..
रमन खाना खाने के बाद चला जाता हैं....

सुमन :: खुश होते हुए अपने मन में कल शहर से सुजीत वापस घर आ रहे हैं.......
मम्मी जी को बताती हूं वो सुन कर बहुत खुश होंगी
खुशी में सुमन बाहर आती हैं देखती है उसकी सास 
बगल की किसी औरत से बात कर रही होती हैं...
सुमन अंदर जाने के लिए जैसे ही मुड़ती है।
तो उसे सुनाई देता है उसकी सास उस औरत से बोल रही थी मेरी बहु को पूरे पांच साल बीत गया अभी तक घर में एक बच्चा नहीं आया पता नहीं मेरे बेटे को संतान का सुख मिलेगा भी की नहीं........

सुमन :: भाग कर अपने कमरे मे जाती हैं और फुट फुट के रोने लगती है!!
अपने आप से बोलती है,,,,,,,,,,भगवान मुझे या तो जिंदगी दे दे या फिर ये मौत से भी बेत्तर जिंदगी ले ले 
रोज मौत की जिंदगी जीने से अच्छा है मौत ही आ जाए
आखिर ऐसी जिंदगी किस काम की....?
जब मै एक जिंदगी ना दे सकी....
जब मै किसी को एक खुशी भी ना दे पाऊं तो मेरे जीने का कोई मतलब ही नहीं हैं||||||


जिंदगी में जरुरी है 
एक जिंदगी का होना....❤️
गर जिंदगी में जिंदगी ही ना रही तो 
ये जिंदगी किस काम की.......💔



continue......................

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