तेरी खूबसूरती ने क्या कमाल कर दिया,
इश्क के ख्यालात से माला माल कर दिया.
गरीब तो वो है जिन्हे इल्म ए इश्क नहीं,
हमने तो खूबसूरती पे क़सीदा लिख दिया.
शाम होते ही मैं शमा को बुझा देता हूँ.
ख्वाबों के लिए दिल ए दरवाज़े खोल देता हूँ.
रोशन जो कर दे इश्क से ज़िंदगी मेरी,
उस रश्के परी से ख़्वाबों में ही मिल लेता हूँ. (आलिम)