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ख्यालों की दुनिया

30 सितम्बर 2022

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जिंदगी

ये दुनिया और इसमें इतने सारे लोग और सिर्फ लोग ही नहीं कई जीव जन्तु,और सभी की अपनी जिंदगी,और सभी अपनी जिंदगी को जी रहे हैं कोई अपने ढंग से कोई दूसरों के दबाव से

मैं आपको बता दूं मैं कोई बड़ा या ज्यादा अनुभवी लेखक तो नहीं

हाल ही में मैंने अपनी बाहरवी पूरी की और अब आगे की पढ़ाई करने अपने गांव से दूर आकर शहर में एक कमरे में रह रहा हूं, मेरे साथ मेरी बहन है और थोडे पास में मेरे दो दोसत रहते हैं हम सबने साथ में एक ही स्कूल से पढ़ाई की है,खैर मैं आपको ये बताना चाहता हूं कि जिंदगी जैसे आप सोचते हैं वैसी बन जाती है, कहीं तो कोई गरीब जिसके पास कुछ भी नहीं है वह खुश है और कहीं किसी बड़े से घर में कोई अमीर व्यक्ति दुःख में होगा,


अब मैं ये नही कह रहा कि पैसा या पैसे से खरीदी गई वस्तु सुख प्रदान नहीं करती, ऐसा नहीं है

जीवन जीने के लिए पैसा भी जरूरी है किंतु हमे पैसे को भगवान नहीं बनाना चाहिए,यह एक साधन है जिससे हम अच्छा जीवन जी सकते हैं,मगर ये सरासर झूठ होगा कि  पैसे के बिना खुशियां नहीं है, कई लोग धन से नही बल्कि मन से खुश होते हैं जैसे कि मैं, मैं ज्यादातर अपने ख्यालों में खोया रहता हूं,या यूं मान लीजिए की मेरी एक दुनिया बनाई हुई है अपनी जिसका नाम है ख्यालों की दुनिया, देखिएगा बड़ी गौर से अब मैं आपको खुशी से रहने का एक मंत्र बताने जा रहा हूं और शायद ही मैंने ये किसी से साझा किया हो पर यहां मैं इसलिए बता रहा हूं कि मुझे पता है ये पढ़ने वाले केवल एक या दो लोग ही होंगे अक्सर मेरी कहानियां कोई पढ़ता नहीं खैर मैं मुद्दे से भटक रहा हूं, हां तो मैं बता रहा था आपको हमेशा खुश रहने का मंत्र तो देखिए आप सोचें की आप गुस्सा या उदास कब होते हो,जरा सोचिए

आप गुस्सा तब होते हैं या उदास तब होते हैं जब आप जैसा चाहे वैसा ना हो यानी आपके मन की ना हो,और यह जरूरी भी नहीं कि आपको खुश रहने के लिए अपने मन बात मनवानी हो,पर कोई यह नहीं सोचता फिर भी यदि कभी आप उदास हो तो थोड़े देर के लिए आराम करे एक अकेली जगह पर आंख बंद करे और अपनी एक दुनिया बनाये और उस दुनिया में जिस चीज से आप उदास हो उसे शामिल करे, भूलें नहीं यह आपकी दुनिया है भले ही ख्यालों की है पर आपकी दुनिया आप जो चाहें जैसा चाहे वैसा ख्यालों से खेल सकते हैं,तो उस उदास करने वाली चीज को इस प्रकार करें कि जिससे आप को खुशी मिले उदाहरण आज मेरा अपने गांव में मेला घूमने का मन था पर मैं किसी कारणवश शहर में ही रह गया और ये मेले का आखिरी दिन था अब मैं तो उदास हो गया और रात को अपने बिस्तर में सोने चला गया आख बंद की और ख्यालों की दुनिया में प्रवेश किया चूंकि मैं दिनभर मेले के बारे में सोच रहा था सो मैं मेले में पहुंच गया भले ही वह सपना हो पर उस समय वह मेरे लिए हकीकत है मुझे भान नहीं कि कैसे और कब मैं मेले में पहुंच गया पर मैं बहुत खुश हूं और खूब मेला घूमा अपनी हर तम्मन्ना पूरी की,पर जब सुबह आख खुली तो पाया यह सपना था,पर जो आनन्द उस समय आया वो वास्तविक था और फिर उस सपने को याद करके फिर आनंदित होना भी तो गजब है भले ही चंद पलों की थी खुशी पर खुशी तो थी और ये सपना अब एक याद बन जायेगा जैसे कि आप सच में उस पल को जिया हो और खास बात ये कि उस सपने में जो भी पात्र रहे होंगे जैसे आपके दोस्त परिवार के लोग उन्हें कभी पता भी नहीं चलेगा कि वो भी आपके ख्याली दुनिया के कठपुतली है,और आप उनसे मिलते रहते हैं हकीकत में नहीं पर अपनी दुनिया में अपनी ख्याली दुनिया में 😇😇😇



धन्यवाद आपका आशीष सिंह 

#खयालो की दुनिया 















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30 सितम्बर 2022

Ashish

Ashish

30 सितम्बर 2022

धन्यवाद 🙏🙏

Ashish

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🙏🙏

30 सितम्बर 2022

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