कॉपीराइट क्या होता है? लेखन से इसके क्या संबंध हैं? अपवादों को किनारे करें तो कॉपीराइट का आसान मतलब है की किसी 'रचना विशेष' पर किसी 'व्यक्ति विशेष' का खास अधिकार होना। आज यहां हम लेखन में कॉपीराइट का मतलब समझाएंगे। इस्तेमाल के लिए लिखित अनुमति जरूरी - आधिकारिक तौर पर अगर कोई 'व्यक्ति या संस्था विशेष' किसी रचना को अपने उपयोग में लाना चाहता है तो उस रचना के मालिकाना हक रखने वाले से उन्हें लिखित अनुमति लेना जरूरी होगा। बिना अनुमति के दंड की संभावना - अगर बिना अनुमति किसी रचना का कोई इस्तेमाल करता है तो उस रचना से मालिकाना रखने वाला व्यक्ति उसे नियमतः हटा भी सकता है। साथ ही गैरकानूनी रूप से इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति पर वह आर्थिक दंड की मांग भी कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति उस रचना के इस्तेमाल में मालिकाना हक रखने वाले का नाम को स्वीकार भी करता है तब भी वह उसके इस्तेमाल के लिए योग्य नहीं हो सकता। लेखन पर लेखक के वंशजों का अधिकार - ऐसी कोई रचना जो लेखक द्वारा लोगों के बीच लोकप्रिय न हुई हो या फिर उसका इस्तेमाल सार्वजनिक न किया गया हो तो उस रचना पर उनके वंशजों का अधिकार होता है। ऐसे में उस रचना से धन कमाना या लोकप्रियता हासिल करना गैरकानूनी होगा। इस तरह आप लेखन में कॉपीराइट से बच सकते हैं।