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सवाल दिल के

27 अप्रैल 2022

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ऊपर वाले कि करिश्मा देखा मैं हैरान और परेशान हु
जब किस्मत में लिखना ही ना था उसका नाम तो क्यों
इस दिल पे प्यार जगाया औऱ उसको करीब इतना 
लाया की दुबारा दूर हों जाने की ख्यालो से ही दिल 
घबराने लग जाता जब जिंदगी की उस मोड़ पे खड़ी
मैं इतजार उसका कर रही थी वो ही खुद कह रहा था
तुम्हे किसी और के साथ होना चाहिए
मुझे मेरी एक तरफ प्यार में कोई परेशानी नही थी मैं
हमेशा ही खुद को खुद में और उसके प्यार में खोए
रखती दुनिया मे बहुत है मुझे प्यार दिखाने वाले मगर 
ये दिल तो पागल है जो उसके लिए हर बार तड़प उठता
और मुझे समझ ही ना पता 
कभी कभी अजीब बैचेनी से लड़ने लगता दिल प्यार 
के लिए तरसता है उसकी कमी महसूस होती फिर दिल
खुद से ही सौ सवाल करता है
जब लकीरों में वो नही था तो क्यों इस दिल पे उसका नाम
लिखा गया जब लिखा ही गया तो दूर क्यों हो गया वो
क्या उसको मेरा प्यार ,, उसको कोष नही ना सकती वो
प्यार है मेरा उसे दर्द में भी ना देख सकती भले मैं दर्द में 
रहू आँसू में रहू वो खुस रहे बस मेरी उसी में खुसी है
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कभी कभी सब रख के लिए किसी ओर या अपनो से ही दूर हो जाना जरूरी होता शायद ये ही वजह है लोगो का मिलना और बिछड़ जाना मगर ये सब बातों से हमारे दिल और दिमाग मे बहुत ही गहरा असर कर जाता है जिसको बया कर पाना मुस्किल है मगर फिर भी लोग एक एक शब्द को संजोए टूटे दिल का हाल को बयान करने की या (दिखाने की ये) कोशिश करते है उन्हीं में से एक मैं हु मेरे दिल के टूटने की आवाज किसी को सुनाई नही देती ओर मैं हर पल खामिशियो में खुद को ही सवाल करती रहती आखिर कब मेरी बातों को कोई सुनेगा या समझेगा अब लोगो को नही खुद को खुद ही समझने की बारी है तो क्यों ना मेरे लिए ही खुद कुछ लिखा करू दुनिया दारी और जिंदगी के दायरे में रह कर

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