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चलो दूर चले

20 अप्रैल 2022

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चलो दुनियादारी के उस पार चले
जिंदगी के इस दौड़ वाली पलो से
चलो निकल चले
कितनो ने दिल दुखया चलो भूल जाते है
कितनो ने मेरे साथ किया बुरा है चलो 
उसे छोड़ जाते है
क्यों मैं सब को सोच कर खुद ही सजा देते
जाऊ 
जो प्यार करते उसके लिए चलो जिया जाए
हा मानती हूं मतलब से मतलबी बन चलना
ही खुस रहते है सब 
मगर जाने क्यों हमेशा ही मतलबी इस दुनिया
से परेशान रहती हूं 
पता है मुझे की शायद मैं भी मतलबीयो में ही
आती हु फिर भी किसी और से शिकायतें करना
नही छोड़ती इसी लिए खुद से मैं हमेशा ही ये
कहती रहती हूं चलो दुनियादारियो से दूर चले
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कभी कभी सब रख के लिए किसी ओर या अपनो से ही दूर हो जाना जरूरी होता शायद ये ही वजह है लोगो का मिलना और बिछड़ जाना मगर ये सब बातों से हमारे दिल और दिमाग मे बहुत ही गहरा असर कर जाता है जिसको बया कर पाना मुस्किल है मगर फिर भी लोग एक एक शब्द को संजोए टूटे दिल का हाल को बयान करने की या (दिखाने की ये) कोशिश करते है उन्हीं में से एक मैं हु मेरे दिल के टूटने की आवाज किसी को सुनाई नही देती ओर मैं हर पल खामिशियो में खुद को ही सवाल करती रहती आखिर कब मेरी बातों को कोई सुनेगा या समझेगा अब लोगो को नही खुद को खुद ही समझने की बारी है तो क्यों ना मेरे लिए ही खुद कुछ लिखा करू दुनिया दारी और जिंदगी के दायरे में रह कर

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