चलो दुनियादारी के उस पार चले
जिंदगी के इस दौड़ वाली पलो से
चलो निकल चले
कितनो ने दिल दुखया चलो भूल जाते है
कितनो ने मेरे साथ किया बुरा है चलो
उसे छोड़ जाते है
क्यों मैं सब को सोच कर खुद ही सजा देते
जाऊ
जो प्यार करते उसके लिए चलो जिया जाए
हा मानती हूं मतलब से मतलबी बन चलना
ही खुस रहते है सब
मगर जाने क्यों हमेशा ही मतलबी इस दुनिया
से परेशान रहती हूं
पता है मुझे की शायद मैं भी मतलबीयो में ही
आती हु फिर भी किसी और से शिकायतें करना
नही छोड़ती इसी लिए खुद से मैं हमेशा ही ये
कहती रहती हूं चलो दुनियादारियो से दूर चले