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क्या होती है माँ

18 मई 2020

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तुझे कुछ होने पर जिसका
कलेजा छलनी हो जाता
वो होती है माँ

खुद जमीन पर सोकर
तुझे अपनी बिस्तर पर सुला दे
वो होती है माँ

खुद कितनी भी तकलीफ में हो
बस तुम्हे देखकर मुस्करा दे
वो होती है माँ

खुद कितनी भी भूखी हो
लेकिन तुम्हे अपने हिस्से का
भी खाना खिला दे
वो होती है माँ

खुद कभी स्कूल ना गई हो
लेकिन तुम्हे पढ़ाने के लिए
अपनी पूरी जिंदगी लगा दे
वो होती है माँ

चाहे उसके बच्चे कितने भी बदमाश हो
लेकिन उसे बुरा कहने पर
पूरी दुनिया से लड़ जाए
वो होती है माँ

~विकास कुमार गिरि

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