दो प्रसिद्ध उपन्यास एक साथ मुगलकाल के बादशाहों की रोचक और मार्मिक दास्तान लाल किला सदियों से भारत की आन-बान-शान का प्रतीक रहा है। लाल किला में रहकर सारे हिन्दुस्तान पर शासन चलाने वाले मुग़ल बादशाहों की रोचक और मार्मिक दास्तान इस उपन्यास के प्रथम खंड ‘लाल किला’ में बड़ी ही सजीवता से उकेरी गई है, जबकि दूसरे खंड ‘आभा’ में असाधारण परिस्थितियों में फँसी नारी की करुण कथा का चित्रण किया गया है। ‘लाल किला’ जहाँ एक ऐतिहासिक उपन्यास है, वहीं ‘आभा’ में रोमांटिक और मर्मस्पर्शी कथा है।
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