मेरी माँ डॉ शोभा भारद्वाज मेरी माँ 90 वर्ष पूरे कर चुकी हैं हम भारतीय के लिए हर दिन माँ पिता के सम्मान का दिन है हाँ आज विश्व मदर्स डे है . कुछ समय से मेरी अम्मा के हाथ में हर वक्त गीता रहती हैं गीता की हर टीका वह पढ़ चुकी हैं तुलसी कृत राम चरित्र मानस का सुंदर काण्ड का पाठ रोज करती हैं कहती हैं मैं
मदर्स डेआज मातृदिवस यानी “मदर्स डे” है | सर्वप्रथम सभीको मदर्स डे की अनेकशः हार्दिक शुभकामनाएँ... यों भारत जैसे परम्पराओं का निर्वाहकरने वाले देश में ऐसे बहुत सारे पर्व आते हैं जो केवल और केवल मातृ शक्ति को हीसमर्पित होते हैं... जिनमें सर्वप्रथम तो ये जितने भी देवता हैं उन सबकी पूजा उनकीदेवियों के स
माँ तेरी गोदीमें सर रख सो जाऊँ मैं पल भर को, तो लोरी तू गा देना, दिल को कुछ तो राहत मिल जाएगी | तेरे आँचल कीछाया से बढ़कर नहीं जहाँ की खुशियाँ, सर पर तेरा हाथरहे तो मंज़िल मुझको मिल जाएगी ||कल मातृ दिवस है, मेरी अपनी माँ के साथसाथ संसार की हर माँ को समर्पित हैं कुछ पंक
आज “मात्तृ दिवस” है… सभी माताओं और उनकी सन्तानों कोहार्दिक शुभकामनाएँ… मेरी अपनी माँ के साथ साथ संसार की हर माँ को कोटि कोटि नमनके साथ समर्पित कुछ पंक्तियाँ... केवल “मदर्स डे” के औपचारिक अवसर पर ही नहीं, हर दिन… हर पल…सताती है तुम्हारी याद हर पल – प्रतिपल काश एक बार फिर तुम्हारी गोदी में सर रखकर सो