1 सितम्बर 2015
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मेरा नाम पुनीत द्विवेदी है मैं बी.एस सी का विद्याऱथी हूं मेरा निवास स्थान सिंहपुर कछार बैरी कल्यानपर कानपुर नगर है मै ११ वीं से लेखन काऱय मे हूं मेरी पहली कविता आशा पंछी बनने की कानपुर महोत्शव २०११ की बिगुल स्मारिका मे पृकाशित हुई.D
तकती होंगी सूनी गलियाँ,मेरे आने की राहें| तन्हाई मे रोती होंगी,मेरी याद मे सारी निगाहें|| जिनकी बाहों का तकिया,कभी बनाकर सोया था मैं; कभी तरसती होंगी ,मेरे सिर धरने को वो बाहें|.......man को छू जाती है बधाई योग्य
3 सितम्बर 2015