मां शारदे ! रच दे वो तान !
शाश्वत संगीत का सदा रहे मान|
गीत गाते जीये जायें हम,
जीवन में हो स्वाभिमान|
मां शारदे ! रच दे वो तान !
शाश्वत संगीत का सदा रहे मान|
वीणा तेरे कर में,
हम हैं तेरी शरण में,
भक्ति भरी है ज्ञान की,
मनोकामना मेरी तेरे वर में|
गीत गाते जीये जायें हम,
हर क्षण रहे तू उर में विराजमान|
मां शारदे ! रच दे वो तान !
शाश्वत संगीत का सदा रहे मान|
कॉपीराइट @ चंद्रेश विमला त्रिपाठी