ममता चंद्रा
2 किताबे ( 1 हिंदी )
0 लेख ( 0 हिंदी )
बस उस पहचान की तलाश में हूं जहां पहुंच कर मुझे अपने बारे में बताने की जरूरत ना पड़े ।
Other Language Profiles
क्यों...?
"क्यों".....एक छोटा सा शब्द है। जो पढ़ने जितना छोटा है जानने में उससे कही ज्यादा बड़ा है। इंसान की ज़िंदगी शुरू होने के बाद इंसान बस क्यों में ही उलझ कर रह जाता है। कुछ क्यों के जवाब सही मायने में और सही समय पर मिल जाते हैं। लेकिन हर किसी की ज़िंदगी
क्यों...?
"क्यों".....एक छोटा सा शब्द है। जो पढ़ने जितना छोटा है जानने में उससे कही ज्यादा बड़ा है। इंसान की ज़िंदगी शुरू होने के बाद इंसान बस क्यों में ही उलझ कर रह जाता है। कुछ क्यों के जवाब सही मायने में और सही समय पर मिल जाते हैं। लेकिन हर किसी की ज़िंदगी
);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---