बलदेव पाण्डेय जी की कविता
💐प्रसंग है एक नवयुवती छज्जे पर बैठी है, वह उदास है, उसकी मुख मुद्रा देखकर लग रहा है कि जैसे वह छत से कूदकर आत्महत्या करने वाली है। 💐 विभिन्न कवियों से अगर इस पर लिखने को कहा जाता तो वो कैसे लिखते 🌷मैथिली शरण गुप्त 🌷अट्टालिका पर एक रमिणी अनमनी सी है अहो किस वेदना के भार से संतप्त हो देवी कहो?