shabd-logo

common.aboutWriter

राजकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय, जलेसर,एटा, उत्‍तर प्रदेश में सन २०११ से कार्यरत। पूर्व में सन १९९८ से २०११ तक रेलवे के राजभाषा विभाग में सेवा। लेखन अभिरूचि क्षेत्र - व्‍यतिरेकी भाषा विज्ञान, ब्रज का भाषा विज्ञान, विस्‍मर्श केंद्रित साहित्‍य (दलित, स्‍त्री, आदिवासी तथा तृतीय वर्ण)

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

drvijendrapratapsingh4675

drvijendrapratapsingh4675

साहित्‍य संसार

0 common.readCount
8 common.articles

निःशुल्क

drvijendrapratapsingh4675

drvijendrapratapsingh4675

साहित्‍य संसार

0 common.readCount
8 common.articles

निःशुल्क

drvijejndrapratapsingh

drvijejndrapratapsingh

इस आयाम में आप पाएंगे 8शब्दों की कविता।

निःशुल्क

drvijejndrapratapsingh

drvijejndrapratapsingh

इस आयाम में आप पाएंगे 8शब्दों की कविता।

निःशुल्क

common.kelekh

संकल्प \थर्ड जेंडर पर कहानी

29 अप्रैल 2017
2
0

माधुरी आज बहुत खुश थी क्योंकि उसने आज अपनी छोटी बहन का विवाह कर उसके जीवन को समाज द्वारा निर्धारित जीवन रेखा में शामिल करने में सफलता हासिल कर ली थी। पिता त्रिलोचन भी बहुत खुश थे क्योंकि आज माधुरी ने वो कर दिखाया था जो उसके परिवार का बेटा करता। माधुरी पिता के ठेला लेकर चले जाने के बाद दरवाजा बंद घ

अनहद कृति - hindi poetry

23 अक्टूबर 2015
0
0

http://anhadkriti.com

लघुकथाकार नंदलाल भारती का लघुकथा संग्रह

23 अक्टूबर 2015
0
0

लघुकथाकार नंदलाल भारती और दलित चेतना डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंहदलित संवेदना को उकेरने कार्य लगभग साहित्य की हर विधा में किया जा रहा है। लघुकथाओं के संदर्भ में बात करें तो राजेंद्र यादव की ‘दो दिवंगत’ तथा रजनी गुप्त की ‘गठरी’ महत्वपूर्ण प्रारंभिक दलित संवेदना की लघुकथाएं हैं। इसके बाद ‘जूठन’ आत्

लघुकथाकार नंदलाल भारती और दलित चेतना

23 अक्टूबर 2015
0
0

लघुकथाकार नंदलाल भारती और दलित चेतना डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंहसहायक प्रोफेसर (हिंदी)राजकीय स्नाेतकोत्तर महाविद्यालयजलेसर, एटा, उत्तर प्रदेशमोबाइल – 7500573935Email – vickysingh4675@gmail.comदलित संवेदना को उकेरने कार्य लगभग साहित्य की हर विधा में किया जा रहा है। लघुकथाओं के संदर्भ में बात करें तो

ऐबे कवुत

13 अक्टूबर 2015
3
2

[13/10 23:53] Dr. Vijendra Pratap Singh: थोथाचनाबाजाघनाचैनबचानचबैना।[13/10 23:58] Dr. Vijendra Pratap Singh: खालीदिमागखालीजेबकीखुलखुलाहटसबपैभारी।

ऐबे कविता

13 अक्टूबर 2015
1
0

निरंतरटांगोंकीखींचातानीसब अनाड़ीसब खिलाड़ी।.-------------–------------------

हसरत

12 अक्टूबर 2015
0
0

अक्सरहोती नहीं पूरी हसरत-ए-तारीफ़ अंतिम संस्कार तक।

गलतफमियों की हद

10 अक्टूबर 2015
1
3

गलतफमियों की हद तब पता चली ? ?जब मैने उससे कहारुको . . . . मत जाओ और उसने सुना रुको मत . . . . . जाओ ।।

सत्य

9 अक्टूबर 2015
4
2

Dr. Vijendra Pratap Singh: जमीन अकालग्रस्तमरताइंसानसंस्कारअकालग्रस्तमरतीमानवता।

मौन

8 अक्टूबर 2015
1
0

मौन प्रेम कसकपीड़ा का भंडारबबंडरअपार।

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए