( मन का डर ) कहानी चौथी क़िश्त।
राजहार में यह बात बहुत तेज़ी से फ़ैल गई कि एक फ़ाइनेंस का डिप्टी मैनेजर यहीं के एक शिक्षिका से विवाह करने जा रहा है।भिलाई पोलिस को जब यह बात पता चली की सुजाता फिर किसी से शादी करने जा रही है तो भिलाई के थाने ने राजहरा के थानेदार को बताया गया कि तुरंत उस लड़के को प्रोटेक्शन दिया जाय, जिससे सुजाता शादी करने जा रही है । वरना उसके साथ हादसा होने की पूरी संभावना है । भिलाई थाने के एस एच ओ प्रदीप अग्रवाल ने राजहारा के एस एच ओ मंगल वर्मा से फोन से संपर्क किया और कहा ,
प्रदीप – कौन मंगल जी बोल रहे हैं ।
मंगल – हां मैं एस एच ओ मंगल वर्मा बोल रहा हूं । आप कौन बोल रहे हैं ?
प्रदीप- मैं मरोदा भिलाई से एस एच ओ प्रदीप अग्रवाल बोल रहा हूं ।
मंगल – जी प्रदीप जी बोलिए फोन कैसे किया ?
प्रदीप – मंगल जी एक विशेष बात के लिए फोन किया है ।
मंगल – क्या विशेष बात है बताइसे प्रदीप जी ?
प्रदीप—मंगल जी राजहरा में एक शिक्षिका है कुमारी सुजाता ,1 महीने बाद उसकी शादी होने की ख़बर आ रही है ।
मंगल – अरे भाई इसमे विशेष बात क्या है प्रदीप जी ।
प्रदीप – पूरी बात तो सुनिए । यह सुजाता नाम की लड़की राजहारा के पहले भिलाई में ही थी । यहां के स्कूल में वह लगभग 3 सालों तक पोस्टेड रही । इन 3 सालों में उसका दो लड़कों से गहरा संबंध हुआ । सुजाता का संपर्क पहले अजय चंद्राकर नाम के शिक्षक से हुआ । वे दोनों शादी करने जा रहे थे । उनकी शादी को 10 दिन ही बचे रहें होंगे कि अजय चंद्राकर को एक दिन अपने कमरे में फ़ांसी पर लटका पाया गया । हालाकि उसकी मौत को आत्म हत्या माना गया और फ़ाइल बंद हो गई । लेकिन मुझे आज भी संदेह है कि अजय चंद्राकर की मृत्यु आत्महत्या नहीं थी ।
अजय की मौत के 6महीने बाद सुजाता की दोस्ती एक दुसरे शिक्षक विनोद चौहान से हुई । दोनों विवाह के बंधन में बंधने की तैयारी करने लगे । इस बार फिर एक घटना हुई शादी के दिन के 10दिन पूर्व विनोद चौहान दुर्ग के बाहरी हिस्से में कार दुर्घटना में मारा गया । उस दुर्घटना की जब जांच हुई तो जांच टीम ने पाया कि विनोद चौहान जी की कार का ब्रेक फ़ेल था । जांच टीम को ऐसा कोई सुराग नहीं मिला जिससे माना जाय कि कारा का ब्रेक फ़ेल किसी आदमी ने साजिश के तहत था ।
मंगल – अगर सुजाता की दोनों प्रेमियों की मौत सामान्य मौत थी तो फिर कोई संभावना मानकर इतनी गहरी सतर्कता किसलिये।
प्रदीप – मंगल जी भले ही उन दोनों केसों को सामान्य केस समझ कर डिपार्टमेंट द्वारा क्लोस कर दिया गया । पर मुझे ये एहसास है , मुझे ये शक है की इं दोनों घटनाओं के पीछे किसी न किसी व्यक्ति का हाथ था ।
मंगल – क्या उन दोनो मौतों के बाद सुजाता को इंटरोगेट किया गया था ? हो सकता है कि अपने दोनों प्रेमियों से कोई विशेष फ़ायदा लेने के बाद उनसे छुटकारा पाने सुजाता ही उनकी मृत्यू के पीछे का कारण हो।
प्रदीप – वैसे तो कोई भी इन दोनों घटनाओं की बात सुनेगा तो किसी साजिश के एंगल की तरफ़ उसका ध्यान जायेगा तो उसका पहला शक सुजाता पर ही जाकर टिकेगा । लेकिन इन दोनों केसों को बाद में मैने भी अच्छे से इनवेस्टीगेट किया था । तब मैंने पाया था कि सुजाता का इनमें कोई हाथ नहीं था । उल्टे वह तो अपने प्रेमियों की मौत की सबसे बड़ी सफ़रर थी ।
मंगल – तो फिर आप और किस एंगल में सोच रहे हैं ?
प्रदीप – मंगल जी आपको वहां दो व्यक्तिओं की गतिविधियों पर नज़र रखनी है । पहला व्यक्ति है बीएसपी का एक ठेकेदार जिसका नाम है मुन्ना पांडे जो आजकल राजहरा में ज्यादा काम करता है । वह शायद सुजाता से विवाह करने की इच्छा रखता था । अत:वह सुजाता को नुकसान पहुंचाने की नहीं सोचेगा हां पर सुजाता के साथ अगर कोई पुरुष या लड़के का नाम जुड़ता है तो वह उस पुरुष या लड़के को नुकसान पहुंचा सकता है ।
एक और बात एक दूसरे शख़्स जिस पर भी मेरा बराबर का संदेह है । उस शख़्स का नाम है दुर्योधन जो सुजाता जी के मामा हैं और अब वह मुफ़्तखोर सुजाता के साथ ही रहता है ।
मंगल – दुर्योधन पर आपके शक का कारण ?
प्रदीप—इसके पीछे मुझे एक बहुत बड़ा कारण लगता है कि आज की तारीख़ में सुजाता के मामा के पास न पैसा है न ही रहने के लिए घर है । साथ ही वह अविवाहित है। वर्तमान में इस दुनिया में उसके दो ही रिश्तेदार हैं । दोनों भाई बहन सुजाता और सुनील । इसलिए मैं सोचता हूं कि दुर्योधन के मन में एक डर हो सकता है कि अगर सुजाता शादी करके अपने ससुराल चली जायेगी तो ,मेरा क्या होगा ? मेरा ख़र्चा कौन उठायेगा ?
मंगल – ओके प्रदीप जी मैंने आपका पाइंट आफ़ विव समझ लिया है। आपके कहे अनुसार मैं मुन्ना पांडे और दुर्योधन पर नज़र रखवाता हूं ।
प्रदीप – ठीक है मंगल जी मुझे पूरा विश्वास है कि आप और आपकी टीम मेरी शंका का निवारण सही तरीके से ज़रूर कर पायेगी ।
कुछ दिन गुज़रे , राजहरा पोलिस दुर्योधन और मुन्ना पांडे पर बराबर नज़र रखती रही । पर अब तक उन्हें कोई भी ऐसी वैसी बात का अहसास नहीं हुआ था जिससे उन्हें लगे कि मुन्ना पान्डे या दुर्योधन जी सुजाता के विरुद्ध किसी षड़यंत्र में शामिल हैं।
इस बीच राजेश राजपूत जी बीमार पड़ गये और उन्हें एक नर्सिंग होम में भर्ती होना पड़ा । जिस नर्सिंग होम में राजेश भर्ती हुआ उसी नर्सिंग होम में सुजाता का भाई सुनील एक पेथोलोजी टेकनिशियन के रुप में काम करता था । नर्सिंग होम में राजेश राजपूत के बहुत सारे जांच हुए । बहुत सारे ब्लड टेस्ट , मल मूत्र की जांच , Xरे चेस्ट और भी बहुत सारी जांचें । दो दिनों बाद नर्सिंग होम के इलाज करने वाले डाक्टर रौनक ने राजेश को बताया कि आपको वायरल फ़िवर हुआ हौ साथ ही आपका ब्लड शुगर भी बहुत बढा हुआ आ रहा है ।अत: अन्य दवाओं के साथ आपको इन्सूलीन का इंजेक्शन भी प्रिस्क्राइब्ड किया जा रहा है । आपको दोनों टाइम भोजन के पूर्व 5/5 यूनिट इन्सूलीन लगाना होगा । कुछ दिनों तक तो आपको यहां के तकनीशयन आकर इंसूलीन का इंजेक्शन लगा देगा । साथ ही आपको खुद से इंजेक्शन लगाना सीखायेगा । अगले 3 दिनों बाद राजेश को नर्सिंग होम से छुट्टी दे दी गई।
( क्रमशः)