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मन मंजरी

काव्या सोनी

2 अध्याय
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❤️❤️❤️मन मंजरी पर जब जज्बातों की कलियां खिले,वो अहसास जब शब्दों में ढले । काव्य में सजकर भावनाएं भी खिलखिलाएं, कभी दर्द महसूस कर संग हमारे आंसू बरसाएं।ये मन मंजरी भाव और लगाव की रिमझिम बूंदे चाहे, क्यों न इसे जज़्बात और एहसासों की खुशबू से महकाएं। हर भाव मन मंजरी में सजाना है, चाहे खुशियां हो या हो दर्द के किस्से शब्दों में लिख जाना है❤️❤️❤️ 

man manjari

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