दैननंदिनी कुछ इधर उधर की बात जरा सी खुद से मुलाकात आजकल जो व्यस्तता का है दौर जिम्मेदारी दुनियादारी में खुद के लिए नहीं मिलता सुकून का ठौर ऐसे में दैननंदिनी के साथ जरा कर ले खुद से मुलाकात खुद की तलाश पर कुछ पल लगता विराम दिल की बाते अपनी सखी से कर मिल जाता दिल को आराम कुछ त्यौहारों की बाते और किस्से कुछ अपने एहसासों के हिस्से साझा करने आई दैननंदिनी तुम्हारे जरिए खुद से मिलने आई
351 फ़ॉलोअर्स
37 किताबें