मेरी अब तक की सबसे बेस्ट स्टोरी मैँ से एक "wrongcall" का कुछ अंश आपके लिये लिख रहा हूँ ;
"मोहब्बत ऐक ऐसे नशे की तरह जिसकी एक बार लत पढजाये तो उसका नशा जाके उतरता है या तो "शराब केमहखाने मैँ"या फिर"आँशुओँ के पैमाने मैँ""मोहब्बत को हम बेबफा पत्नी की तरह तलाकभी नहीँ दे सकते , मोहब्बत तो हमेँ बुढापे के होश की तरहरिटायरमैन्ट भी नही देती ""मोहब्बत तो हमेँ बढती उम्र के साथ सन्यास भी नही लेसकते , ओर माजी की वो यादेँ हमारी मोहब्बत को ओरनोजवान करती रहतीँ है""एहसास ने अपना नम्वर एक अरसे तक इस उम्मीद मैँ चालूरखा कि शायद आज चाहत की काँल आ सकती है ,शायद वो आज काँल करेगी , शायद आज वो मिस काँलकरेगी शायद वो मुझसे कहेगी तुम होते कोन हो एहसासमुझसे रूठने वाले , तुम होते कोन हो मुझे माँफ ना करनेवाले , तम होते कोन हो मुझसे खफा होने वाले ;पर येशायद शायद सिर्फ एक बहम भर था ओर कुछ नहीँ" कोईउम्मीद नहीँ ॥
" पर दिल को तो मानो इन्तजार पढने की आदत पढगयी थी पर कहते है इन्तजार करने की भी एक हद होती हैइन्तहा होती है , इस इन्तजार को इस जुदाईको बढती उम्र के साथ जिन्दगी के सात साल गुजर चुकेथे ,इन्तजार भी ख्तम हो गया था शायद ओर उन सातसालो मैँ एहसास की जिन्दगी ने काभी वदलाव लेलिये थे , पुरानी सारी नाकामियो को भुलाकर आजएहसास एक कामयाब इन्सान था । पैसा , शोहरत ,नाम ,रूतबा , इज्जत सब आज एहसास की कामयाबी केकदम चूम रहे थे ॥"कोई कमी नही थी जिन्दगी मैँ उसकी हसरतो के लियेपर फिर भी आज एक बेजान, बेपरवाह ,बेइन्ताह , मोहब्बतदिल के किसी हिस्से मैँ उदास मायूसी सेअपना कब्जा जमाये बैठी थी ।
एहसास की पहचान आजवो सडक छाप शायर नही एक मजेँ हुये लेखक के रूप मैँ थी ,दुनिया मुखातिब थी उसकी काबिलयित ओर पहचानसे , पर इस अन्जान अन्देखी ,बेइन्ताह मोहब्बत सेदुनिया मैँ सिर्फ तीन लोग वाकिफ थे "" पहला एहसास ,दूसरी चाहत ओर तीसरा "खुदा"॥ ................................................" ऐसा क्या हुआ था जो चाहत एहसास से जुदा हुयी ,क्या एहसास अपनी अनदेखी , अनजानी मोहब्बत चाहतसे कभी मिल पायेगा ओर मिला भी तो कैसेपहचानेगा उसको जिसको उसने कभी देखा ही नही ,जानने के लिये कहानी का अगले भाग का इन्जार करेँ"
"निशाक्की" (लेखक)
if u like my story u can add me for dis type moreNishakki a writer of romance& real Love Story Novel 15 March