कई बार जीतने के लिए किसी योग्यता से ज़्यादा आयोजन की जगह पर आपका होना अहम होता है। अनगिनत औसत लोग जाने क्या-क्या उपलब्धियां गिनाते फ़िरते हैं। असलियत उनको भी पता है और उनके आस-पास के लोगों को भी... बस
कुछ लंबी शामें सिरहाने पड़ी... बीतने का नाम न ले रहीं। कुछ दबी शिकायतें अनकही, कुछ रूठी सदाएँ अनसुनी। एक दुनिया को कहते थे सगी, हमारे मखौल से उसकी महफ़िलें सजने लगी। ज़ख्म रिसते हैं, मर्ज़ क