आखिर सत्यसुन्दर का फाल्गुनी और कमलनयनी से क्या नाता था पिछले जन्म में जो इस जन्म में दोनों की रूहें उसे दिखाई देती हैं....
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बहुत अच्छा लिखते हो मैंम आप। आप कहानियां पढ़कर मजा आ गया
बढिया कहानी 👏👏👏👏
बढ़िया कहानी
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<p dir="ltr">आधी रात का समय ....<br> सुनसान स्टेशन,खाली प्लेटफार्म, अमावस्या की रात,चारों ओर केवल अँ
<p dir="ltr">सत्यसुन्दर पायलों की छुनछुन की आवाज़ से फिर से सम्मोहित हो गया,वो बिस्तर से उठा,दरवाज़ा ख
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<p dir="ltr">कुछ ही देर में कमलनयनी ने खाना तैयार कर लिया और रणजीत से बोली___<br> चलो खाना तैयार है!