सपना मेरा
सपनों की दुनिया में रह कर ,
फिर भी देखता हूँ एक स्वप्न।
है एक अपना सपना मेरा,
दूसरों के सपनो को सजाना।
हो जाता हूँ स्तब्ध ,
जब सोंचता हूँ उनके बारे में...
अरे वही !
जिनके पास अपने शरीर को खोने के सिवा और कुछ भी है नहीं !!!!!
दिली ख्वाहिश है उनको दिखना
राह मंज़िलों की ,
उन्हें बनाना इंसान
जो करें म